US Illegal Immigrants: अमेरिका का C17 ग्लोबमास्टर जबसे भारतीयों को लेकर अमृतसर में उतरा है, देश में राजनीतिक बवाल देखा जा रहा है. बाद में अमेरिका ने जंजीरों में बंधे भारतीयों का एक वीडियो भी शेयर कर दिया. अब लोगों के मन में सवाल है कि इन डिपोर्ट किए गए भारतीयों का क्या होगा? क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होगी?
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US Illegal Immigrants News: अमेरिका ने जंजीरों में बांधकर अवैध तरीके से पहुंचे भारतीयों को स्वदेश पहुंचा तो दिया लेकिन अब आगे क्या होगा? जिस तरह ट्रंप सरकार ने सेना के प्लेन में भरकर भारतीयों को अमृतसर में छोड़ा, उससे पूरे देश में खासतौर से विपक्ष में एक आक्रोश देखा जा रहा है. अब सवाल यह है कि बिना दस्तावेज वाले इन भारतीयों के खिलाफ क्या स्वदेश में भी कोई कार्रवाई होगी? क्या वे फिर कभी विदेश जा पाएंगे?
अमेरिकी सरकार अवैध प्रवासियों को 'एलियन' कह रही है. उसका स्पष्ट संदेश है कि ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी और उन्हें देश से बाहर यानी डिपोर्ट कर दिया जाएगा. इधर, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में बताया है कि भारत सरकार डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ सक्रिय रूप से संपर्क में है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि निर्वासित भारतीय प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार न किया जाए.
डिपोर्ट किए भारतीयों के सामने अब क्या?
'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ अधिवक्ता और दिल्ली बार काउंसिल के चेयरमैन के. के. मनन ने कहा कि जब तक कि डिपोर्ट किए गए लोग फर्जी दस्तावेज के साथ यात्रा नहीं करते, भारत में किसी कानूनी कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा. मतलब जब तक उनके पास सही वाला भारतीय पासपोर्ट है और उन्होंने अपने वैध दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि अगर किसी ने फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल किया है या किसी और के पासपोर्ट में अपनी तस्वीर जोड़ी है या पासपोर्ट पर अपना नाम/जन्म तिथि या दूसरी जानकारी 'डंकी' रूट के लिए बदली है तो उन्हें पासपोर्ट एक्ट के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा नहीं है तो वे अपने देश में वापस आ गए हैं और घर जा सकते हैं.
कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के समय पंजाब के पूर्व महाधिवक्ता रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अतुल नंदा ने कहा कि इस बात की बहुत कम संभावना है कि ये लोग नकली कागजात बनाने में शामिल होंगे क्योंकि ऐसे ज्यादातर लोग ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं और गरीब परिवारों से आते हैं.
ऐसे मामलों पर काम करने वाले एडवोकेट कमलेश मिश्रा ने 'इंडिया टुडे' को बताया कि निर्वासित प्रवासियों पर तब तक कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता जब तक कि उन्हें देश में किसी भी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया हो या वे भारत में किसी भी पासपोर्ट धोखाधड़ी में शामिल न हों. मिश्रा ने कहा कि इन्हें स्वदेश वापस भेज दिया गया है. ज्यादा से ज्यादा यह देखने के लिए उनसे पूछताछ हो सकती है कि क्या देश छोड़ने के लिए उनके दस्तावेज सही थे?
क्या वे वापस जा सकते हैं?
वरिष्ठ वकीलों का साफ तौर पर कहना है कि जिन लोगों को अवैध प्रवासियों के तौर पर डिपोर्ट किया गया है, वे वापस नहीं जा सकते हैं.
एडवोकेट नंदा ने कहा कि जब भी आप वीजा फॉर्म भरते हैं तो उसमें एक कॉलम होता है जिसमें पूछा जाता है कि क्या आपको डिपोर्ट किया गया है? एक बार डिपोर्ट किए जाने का दाग लगने के बाद ज्यादातर देश उन्हें वीजा नहीं देंगे.
उन्होंने आगे कहा, 'विशेष रूप से अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन जैसे देश ऐसे किसी भी व्यक्ति को वीजा नहीं देंगे जिसे अवैध प्रवासी के रूप में निर्वासित किया गया है.'
अमेरिकी दूतावास की वेबसाइट के अनुसार, 'कोई शख्स जिसे डिपोर्ट किया गया है, उसे परिस्थितियों के आधार पर 10 साल तक वीजा के लिए फिर से आवेदन करने से प्रतिबंधित किया जा सकता है. कुछ मामलों में ही छूट उपलब्ध हो सकती है.' अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक जिन अवैध 'एलियंस' को निर्वासित किया गया है, वे कम से कम 5 साल के लिए वीजा के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं.
भारत में किस पर एक्शन होगा?
वकीलों का कहना है कि अमेरिकी सरकार के इस एक्शन के बाद भारत में उन ट्रवेल एजेंटों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई देखने को मिल सकती है जो ऐसे लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेजते हैं. इसके बदले में वे पैसे ऐंठते हैं. केके मनन आखिर में कहते हैं कि अवैध प्रवासियों को अपने देश में वापस भेजना हर देश का अधिकार है.