हबल स्पेस टेलीस्कोप ने एक दुर्लभ घटना की तस्वीर ली है, जिसमें एक छोटी नीली बौनी गैलेक्सी (ब्लू ड्वार्फ) एक विशाल गैलेक्सी LEDA 1313424 के बीच से होकर निकल गई. इस टक्कर की वजह से गैलेक्सी में 9 विशाल स्टार-भरे छल्ले (रिंग्स) बन गए हैं
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह टक्कर लगभग 5 करोड़ साल पहले हुई थी. नीली बौनी गैलेक्सी एक तीर की तरह सीधे विशाल गैलेक्सी के केंद्र से गुजरी, जिससे 1 लाख 30 हजार प्रकाशवर्ष की दूरी पर फैले छल्ले बने.
येल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स इमाद पाशा ने टेलीस्कोप से पहली बार इस गैलेक्सी को देखा. उन्होंने हबल टेलीस्कोप के ज़रिए और गहराई से अध्ययन किया, जिससे 8 रिंग्स दिखीं. इसके बाद हवाई में मौजूद WM Keck ऑब्जर्वेटरी ने 9वें रिंग की पुष्टि की.
रिसर्चर्स को संदेह है कि गैलेक्सी के बाहर एक 10वां रिंग भी हो सकता है, जो हबल टेलीस्कोप की पहुंच से बाहर है.
वैसे तो आकाशगंगाओं का टकराना सामान्य है. गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से गैलेक्सियां एक-दूसरे के करीब आती हैं और कभी-कभी टकरा जाती हैं. हालांकि इस तरह सीधी टक्कर बहुत दुर्लभ होती है.
हमारी मिल्की वे (आकाशगंगा) भी भविष्य में पड़ोसी एंड्रोमेडा गैलेक्सी से टकराने वाली है. वैज्ञानिक इस घटना को 'एंड्रोमेडा-मिल्की वे टकराव' कह रहे हैं.
यह खोज आकाशगंगाओं के विकास को समझने में मदद करेगी. वैज्ञानिकों ने पाया कि छल्ले एक पैटर्न में बाहर की तरफ फैल रहे हैं, जैसे पानी में पत्थर गिराने से लहरें बनती हैं. यह सिद्धांत पहले से मौजूद था लेकिन अब इसे प्रत्यक्ष रूप से देखा गया है.
इससे ये साबित होता है कि जब आकाशगंगाएं आपस में टकराती हैं तो नए सितारे जन्म लेते हैं और यह ब्रह्मांड की संरचना को समझने में मदद करेगा.
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