लू से निपटने के लिए पीएम मोदी का एक्शन प्लान, इस बार सबसे ज्यादा कहां पड़ेगी गर्मी की मार?
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लू से निपटने के लिए पीएम मोदी का एक्शन प्लान, इस बार सबसे ज्यादा कहां पड़ेगी गर्मी की मार?

Weather Predictions: चूंकि 2024 में सामान्य से अधिक गर्मी होने की उम्मीद है और इसी दौरान आम चुनाव भी है, इसलिए यह महसूस किया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय और एनडीएमए की तरफ से जारी की गई सलाह का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जाए और बड़े स्तर पर उसे प्रसारित किया जाए.

लू से निपटने के लिए पीएम मोदी का एक्शन प्लान, इस बार सबसे ज्यादा कहां पड़ेगी गर्मी की मार?

Weather Update: गर्मी का मौसम आ चुका है और अभी से उसने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. गर्मी ऐसा सितम ढा रही है, जैसे मई-जून का वक्त आ चुका हो.  इस बीच गर्मी से निपटने की भी तैयारी शुरू हो चुकी है. गर्मी के महीनों में मौसम की स्थिति खराब होने की भविष्यवाणी के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को लू से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर सरकारों के सभी अंगों से तालमेल के साथ काम करने को कहा. बयान के मुताबिक, मोदी ने एक बैठक की अगुआई की जहां उन्हें अप्रैल-जून के दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना के बारे में बताया गया.

बैठक में क्या हुआ?

बैठक में जरूरी दवाओं, तरल पदार्थ, आइस पैक, ओआरएस और पीने के पानी की उपलब्धता को लेकर हेल्थ सेक्टर में तैयारियों की समीक्षा की गई. बैठक में टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया जैसे सभी प्लेटफॉर्म्स के जरिए खासकर क्षेत्रीय भाषाओं में जरूरी सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) जागरूकता सामग्री के समय पर प्रसार पर जोर दिया गया. 

बयान में कहा गया कि चूंकि 2024 में सामान्य से अधिक गर्मी होने की उम्मीद है और इसी दौरान आम चुनाव भी है, इसलिए यह महसूस किया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय और एनडीएमए की तरफ से जारी की गई सलाह का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जाए और बड़े स्तर पर उसे प्रसारित किया जाए.

'तालमेल के साथ काम करने की जरूरत'

मोदी ने सरकार के पूरे नजरिए पर जोर दिया और कहा कि केंद्र, राज्य और जिला स्तरों पर सरकार के सभी अंगों के अलावा विभिन्न मंत्रालयों को तालमेल के साथ इस पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने अस्पतालों में पर्याप्त तैयारी के साथ-साथ जागरूकता पैदा करने, जंगल की आग का जल्दी पता लगाने और बुझाने की जरूरत पर भी जोर दिया.

इस बैठक में पीएम के प्रधान सचिव, गृह सचिव, भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने हाल ही में कहा था कि अप्रैल से जून की अवधि के दौरान भारत में अत्यधिक गर्मी की संभावना है. मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय हिस्सों में इसका सबसे ज्यादा असर पड़ने की संभावना है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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