'डिनर तो आपने ही आयोजित किया था...' जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर आपस में भिड़े हरदीप पुरी और शशि थरूर
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'डिनर तो आपने ही आयोजित किया था...' जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर आपस में भिड़े हरदीप पुरी और शशि थरूर

Shashi Tharoor and Hardeep Singh Puri: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और कांग्रेस नेता शशि थरूर सोशल मीडिया पर आपस में भिड़ गए और 2009 में अमेरिका के अंदर हुए डिनर को लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे. तो चलिए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है. 

'डिनर तो आपने ही आयोजित किया था...' जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर आपस में भिड़े हरदीप पुरी और शशि थरूर

Shashi Tharoor and George Soros: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बीच 2009 में न्यूयॉर्क में पुरी के ज़रिए आयोजित डिनर को लेकर बहस हुई, जिसमें अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस भी शामिल थे. यह विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा नेताओं ने सोरोस के साथ थरूर की पिछली मुलाकातों का हवाला देते हुए कांग्रेस और सोरोस के बीच संबंधों का आरोप लगाया. हरदीप सिंह पुरी उस समय संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत थे, ने एक्स पर उस समय के विदेश राज्य मंत्री थरूर पर पलटवार करते हुए कहा कि थरूर ने ही डिनर के लिए आमंत्रित लोगों की लिस्ट बनाई थी, जिसमें सोरोस भी शामिल थे. 

हरदीप सिंह पुरी ने लिखा,'पीछे देखने पर यह साफ है कि नाम इसलिए शामिल किया गया क्योंकि संबंधित सज्जन राजीव गांधी फाउंडेशन के लाभार्थियों में से थे और राज्य मंत्री उनसे मिलने के इच्छुक थे.' उन्होंने यह भी कहा कि थरूर ने पहले मई 2009 में सोरोस से मुलाकात की थी और बातचीत के बारे में ट्वीट किया था. पुरी ने थरूर पर कटाक्ष करते हुए कहा,'छल करने की कलाओं में भाषा को अक्सर गौरवपूर्ण स्थान दिया जाता है. कांग्रेस पार्टी में मेरे कुछ मित्र अस्पष्टता में माहिर हैं, लेकिन वे अपने जोखिम पर ट्वीट करते हैं.' केंद्रीय मंत्री ने कहा,'चूंकि मैं उस समय शहर में कुछ ही महीने का था लेकिन डॉ थरूर ने न्यूयॉर्क में काफी समय बिताया था, इसलिए मैंने डिनर के लिए आमंत्रित लोगों की लिस्ट नहीं बनाई थी. यह लिस्ट मुझे मंत्री थरूर ने दी थी.' 

शनिवार को थरूर ने एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए पुरी के बयान पर विवाद किया और भाजपा पर झूठ का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा,'हमारी याद अलग-अलग है, प्रिय हरदीप. आपके ज़रिए आयोजित किए गए डिनर में कई ऐसे मेहमान मौजूद थे, जिनसे मैं पहले कभी नहीं मिला था लेकिन मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि हम दोनों न्यूयॉर्क या जिनेवा में अपने जीवन के शुरुआती चरणों में किसी के साथ अपने संपर्कों को नकारें.' थरूर ने पुरी के इस आरोप का भी खंडन किया कि सोरोस का किसी भारतीय फाउंडेशन से संबंध है. उन्होंने कहा,'मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी कि सोरोस का भारत में किसी फाउंडेशन से कोई संबंध है  और मैंने कभी भी इस बारे में उनसे चर्चा भी नहीं की.' 

यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक भाजपा कार्यकर्ता ने 2009 के एक ट्वीट को हाइलाइट किया, जिसमें थरूर ने सोरोस को 'पुराना दोस्त' बताया और भारत में उनकी रुचि की प्रशंसा की. जवाब में थरूर ने साफ किया कि वह सोरोस से सामाजिक रूप से मिले थे और उनके साथ उनका कोई संबंध नहीं है. एक्स पर अपने पोस्ट में थरूर ने कहा कि यह मुलाकात न्यूयॉर्क की अपनी यात्रा के दौरान पुरी के ज़रिए आयोजित एक डिनर में हुई थी. थरूर ने लिखा,'राजदूत पुरी ने मेरे साथ डिनर पर चर्चा के लिए कई प्रमुख अमेरिकियों को बुलाया था और यह पूरी तरह से उचित था.'

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह इस प्रोग्राम के बाद से सोरोस के संपर्क में नहीं थे और उन्होंने कभी भी उनसे या उनके फाउंडेशन से धन मांगने से भी इनकार किया. सोरोस से भाजपा की नाराज़गी कोई नई बात नहीं है, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी नापसंदगी को छिपाया नहीं है और उन्हें उन लोगों की लिस्ट में शामिल किया है, जिनमें अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हैं. भाजपा ने उन पर कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने का भी आरोप लगाया है. 

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