कंपनियों में काम करने के घंटों, दिन और वर्किंग स्टाइल पर खूब चर्चा हो रही है. इसी कड़ी में भारतीय मूल के अमेरिकी टेक कंपनी Giga ML के CEO वरुण वुम्मडी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि भारतीय इंजीनियर्स को चाहे 1 करोड़ सैलरी दे दो लेकिन वो मेहनत करने से बचते हैं.
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Varun Vummadi on Indian Engineers: IIT खड़गपुर के पूर्व छात्र और अमेरिकी टेक कंपनी Giga ML के CEO वरुण वुम्मडी ने हाल ही में X पर एक पोस्ट के जरिए भारतीय इंजीनियरों के काम के प्रति रवैये पर सवाल उठाया. उन्होंने दावा किया कि भारतीय इंजीनियर, भले ही उन्हें 1 करोड़ रुपये सालाना सैलरी दे दी जाए, वे फिर भी कड़ी मेहनत करने से बचते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय इंजीनियरों का यह रवैया उन्हें परेशान करता है, खासकर जो अपने करियर के शुरुआती और मध्य स्तर पर हैं.
वुम्मडी ने लिखा,'हमारी भारतीय शाखा के लिए इंजीनियरों को भर्ती करते समय मैंने एक पैटर्न नोटिस किया है. 3-8 साल के अनुभव वाले कई इंजीनियर 6 दिन काम करने को तैयार नहीं हैं, भले ही उनका बेस सैलरी 1 करोड़ रुपये हो.' उन्होंने कहा,'1 करोड़ रुपये की बेस सैलरी के लिए हफ्ते में 6 दिन, रोज़ 8 घंटे काम करना पूरी तरह से उचित है.' इस दौरान उन्होंने अपने परिवार की मिसाल भी दी और बताया कि उनके माता-पिता सरकारी टीचर हैं और वे भी हफ्ते में 6 दिन काम करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय समाज में 'वर्क-लाइफ बैलेंस' पर जयादा ध्यान दिया जा रहा है, जिससे मेहनती लोग प्रभावित हो सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कई सफल स्टार्टअप्स की कामयाबी का राज 6-7 दिन काम करना रहा है. उन्होंने एलन मस्क की मिसाल देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत से ही ऊंचाई हासिल की जा सकती है.
उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं हैं. कुछ लोगों ने उनके विचारों का समर्थन किया, जबकि कुछ ने इसका विरोध भी किया. कुछ लोगों का मानना था कि ज्यादा घंटे काम करने से प्रोडक्टिविटी नहीं बढ़ती, बल्कि इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है.
एक यूजर ने लिखा,'वर्क एथिक्स सिर्फ घंटों पर निर्भर नहीं करता, बल्कि प्रभाव और परिणाम पर निर्भर करता है. अगर टैलेंटेड इंजीनियर भी 1 करोड़ रुपये की सैलरी के बावजूद झिझक रहे हैं तो शायद वर्क कल्चर पर दोबारा विचार करने की जरूरत है.' एक और यूजर ने कहा,'आप पैसा देकर किसी को ज़बरदस्ती नहीं खरीद सकते।.लोग पैसे की कद्र करते हैं लेकिन उसकी पूजा नहीं करते.'