गोधरा कांड: उम्र कैद पाने वाला दोषी चोरी के मामले में गिरफ्तार, परोल के दौरान हुआ था फरार
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गोधरा कांड: उम्र कैद पाने वाला दोषी चोरी के मामले में गिरफ्तार, परोल के दौरान हुआ था फरार

Godhra Kand: 2002 में गुजरात के गोधरा में हुए नरसंहार के दोषी सलीम जर्दा को पुणे पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार किया है. सलीम सितंबर 2024 में परोल पर आया था और फिर फरार हो गया था. इसके बाद से वो चोरी घटनाओं को अंजाम दे रहा था. 

गोधरा कांड: उम्र कैद पाने वाला दोषी चोरी के मामले में गिरफ्तार, परोल के दौरान हुआ था फरार

Godhra Train Case: गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले फरार दोषी को महाराष्ट्र के पुणे जिले में चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि पुणे ग्रामीण पुलिस ने 22 जनवरी को सलीम जर्दा को गिरफ्तार किया जो 2002 के गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले 31 दोषियों में शामिल था. 

गांवों में चोरी करता था सलीम जर्दा

जर्दा 17 सितंबर 2024 को सात दिन की परोल पर गुजरात की जेल से बाहर आया था और इसके बाद वह फरार हो गया था. आलेफाटा पुलिस थाने के निरीक्षक दिनेश तायडे ने कहा,'हमने 22 जनवरी को उसे (सलीम जर्दा) और उसके गिरोह के सदस्यों को चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया. वे पुणे के ग्रामीण इलाकों में चोरी की वारदात को अंजाम देते थे. जांच में पता चला कि वह गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले का दोषी भी है.'

अदालत ने दी थी फांसी की सजा

अधिकारियों ने बताया कि 2002 के गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में 31 लोगों को दोषी ठहराया गया था. उनमें से 11 को शुरुआत में मौत की सजा सुनाई गई थी, जबकि 20 को आजीवन कारावास की सजा मिली थी. उन्होंने कहा,'जर्दा उन 11 लोगों में शामिल था जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन (गुजरात) उच्च न्यायालय ने बाद में उनकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था.'

चोरी के कई मामलों में शामिल

अधिकारियों ने बताया कि जांच में चोरी के तीन ऐसे मामलों का खुलासा हुआ जिनमें जर्दा शामिल था. अधिकारी ने कहा,'वह अपने गिरोह के साथ गुजरात के गोधरा से पुणे जिले में आता था और चोरी की वारदात को अंजाम देता था.'

क्या है गोधरा कांड?

गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 डिब्बे में आगजनी करने के मामले में जर्दा और अन्य को 27 फरवरी 2002 को मुजरिम ठहराया गया था. 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में हुए नरसंहार में 59 लोगों की जाल चली गई थी. मरने वालों में ज्यादातर वे कारसेवक थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे. इस घटना के बाद पूरे गुजरात में बड़ी तादाद में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे, जिनमें हजारों लोगों की जान गई और बड़ी तादाद में लोग बेघर हो गए. 

हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट'

यह घटना भारत के इतिहास में सबसे विवादित घटनाओं में से एक है और इसकी वजह से राजनीतिक और सामाजिक तनाव भी घटता/बढ़ता रहता है. इसी घटना को लेकर हाल ही में विक्रांत मैसी अभिनीत फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' भी आई है. जिसे धीरज सरना ने डायरेक्ट किया है. 

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