Hypersonic Missile: लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का DRDO ने किया फ्लाइट टेस्ट, सेना को मिली ऐतिहासिक ताकत
Advertisement
trendingNow12518350

Hypersonic Missile: लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का DRDO ने किया फ्लाइट टेस्ट, सेना को मिली ऐतिहासिक ताकत

Defence Research and Development Organisation: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का ऐतिहासिक उड़ान परीक्षण किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ को बधाई दी और इसे देश के लिए "एक बड़ी उपलब्धि" बताया.

Hypersonic Missile: लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का DRDO ने किया फ्लाइट टेस्ट, सेना को मिली ऐतिहासिक ताकत

DRDO Long-Range Hypersonic Missile Flight Trial: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शनिवार को ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का उड़ान परीक्षण किया. डीआरडीओ द्वारा परीक्षण की गई हाइपरसोनिक मिसाइल को भारतीय सशस्त्र बलों की सभी सेवाओं के लिए 1500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए विभिन्न पेलोड ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

DRDO के अलग-अलग लैब्स में स्वदेशी रूप से विकसित मिसाइल

इस मिसाइल को हैदराबाद स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स की प्रयोगशालाओं के साथ-साथ डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं और उद्योग भागीदारों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है. यह उड़ान परीक्षण डीआरडीओ और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की मौजूदगी में किया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल उड़ान परीक्षण पर डीआरडीओ को बधाई दी और इसे देश के लिए "एक बड़ी उपलब्धि" बताया.

राजनाथ सिंह ने बताया ऐतिहासिक क्षण, DRDO की महत्वपूर्ण उपलब्धि

राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारत ने ओडिशा के तट से दूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यह एक ऐतिहासिक क्षण है और इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने हमारे देश को ऐसे चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है, जिनके पास ऐसी महत्वपूर्ण और उन्नत सैन्य तकनीकों की क्षमता है. मैं इस शानदार उपलब्धि के लिए टीम डीआरडीओ, हमारे सशस्त्र बलों और उद्योग भागीदारों को बधाई देता हूं." 

हाइपरसोनिक मिसाइल कैसे काम करती है? क्या है अपडेटेड खासियत

हाइपरसोनिक मिसाइल ऊपरी वायुमंडल में ध्वनि की गति से पांच गुना से अधिक गति यानी लगभग 6,200 किमी प्रति घंटे (3,850 मील प्रति घंटे) से यात्रा करती है. यह अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल से धीमी है, लेकिन हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन का आकार इसे लक्ष्य की ओर या रक्षा से दूर जाने की इजाजत देता है. वहीं,  ग्लाइड वाहन को एक मिसाइल के साथ जोड़कर इसे आंशिक रूप से कक्षा में लॉन्च कर सकता है.

ये भी पढ़ें- चीन ने टेढी की नजर तो तुरंत छाती पर चढ़ जाएगी इंडियन आर्मी, LAC पर बनने जा रही ऐसी टनल; कमाल की है खासियत

दूसरी ओर, इसमें अपडेट किया गया एक आंशिक कक्षीय बमबारी प्रणाली (FOBS) दुश्मनों के रिस्पॉन्स टाइम और पारंपरिक डिफेंस सिस्टम को तबाह कर सकता है. इसके उलट, अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) बैलिस्टिक पथ पर परमाणु हथियार ले जाती हैं, जो अंतरिक्ष में तो जाती हैं, लेकिन कभी कक्षा तक नहीं पहुंचतीं.

ये भी पढ़ें- मौसम ने बदला गियर, पहाड़ों में बर्फबारी, दिल्ली में बढ़ी ठंड, कोहरे-धुंध को लेकर पढ़ें IMD का अलर्ट

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news