Makhana Board: बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने चेतावनी दी है कि अगर इसे सीमांचल और कोसी क्षेत्र से बाहर ले जाने की कोशिश हुई, तो बड़ा आंदोलन होगा. उन्होंने 24 फरवरी को कटिहार और पूर्णिया बंद करने का ऐलान भी किया है.
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Pappu Yadav On Makhana Board: केंद्रीय बजट 2025-26 में बिहार के लिए मखाना बोर्ड की घोषणा के बाद अब इसके गठन को लेकर सीमांचल और कोसी क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने इस मुद्दे पर खुली चेतावनी देते हुए साफ कहा है कि अगर मखाना बोर्ड को सीमांचल-कोसी क्षेत्र से बाहर ले जाने की कोशिश की गई, तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे. उन्होंने सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए 24 फरवरी को कटिहार और पूर्णिया बंद का आह्वान भी किया है.
24 फरवरी को कटिहार और पूर्णिया रहेगा बंद
पप्पू यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए अपने विरोध का ऐलान किया. उन्होंने लिखा, "सीमांचल-कोसी का हक छीनने नहीं देंगे. 24 फरवरी को कटिहार और पूर्णिया पूरी तरह बंद रहेगा. यदि सरकार ने मखाना बोर्ड को अन्यत्र स्थानांतरित करने का प्रयास किया, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा." उन्होंने यहां तक कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को अनदेखा किया, तो पूर्वोत्तर भारत से रेल और सड़क संपर्क को अनिश्चितकाल के लिए बाधित कर दिया जाएगा.
पूर्णिया में ही मखाना बोर्ड की मांग
सांसद पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि मखाना बोर्ड का गठन हर हाल में पूर्णिया में ही होना चाहिए. उन्होंने तर्क दिया कि देश में मखाना का 90% उत्पादन सीमांचल और कोसी क्षेत्र में होता है, ऐसे में इस बोर्ड को दूसरी जगह ले जाना अन्याय होगा. उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को पूर्णिया बंद करके वे सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि सीमांचल और कोसी के लोगों के साथ अब अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
मखाना बोर्ड के गठन के लिए किए गए प्रयासों का दावा
पप्पू यादव ने दावा किया कि बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना के लिए सबसे पहले उन्होंने ही प्रयास किए थे. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था. उन्होंने कहा कि उनके सांसद बनने के बाद ही पूर्णिया में हवाई सेवा और रेल सुविधाओं में सुधार हुआ. उन्होंने केंद्र सरकार से बार-बार इस क्षेत्र के विकास को लेकर मांग उठाई थी और संसद में भी इस मुद्दे पर आवाज बुलंद की थी.
सरकार के रुख पर सवाल, आंदोलन की चेतावनी
पप्पू यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सीमांचल और कोसी क्षेत्र को उनका अधिकार नहीं मिला, तो वे चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना चाहिए कि इस क्षेत्र के किसानों और व्यापारियों के लिए मखाना एक महत्वपूर्ण आजीविका का साधन है. अगर सरकार ने इसे किसी अन्य स्थान पर स्थापित करने की कोशिश की, तो वे जनआंदोलन खड़ा कर देंगे.
मखाना उत्पादन में सीमांचल और कोसी का योगदान
बिहार में मखाना उत्पादन का प्रमुख केंद्र सीमांचल और कोसी क्षेत्र है. यहां की जलवायु और मिट्टी मखाना की खेती के लिए अनुकूल है. इस वजह से इस क्षेत्र के हजारों किसान इस उद्योग पर निर्भर हैं. यदि मखाना बोर्ड को कहीं और स्थानांतरित किया गया, तो यहां के किसानों को इसका सीधा नुकसान होगा.
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