Bihar Politics: दीपांकर भट्टाचार्य ने नीतीश कुमार पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावी लाभ के लिए जातियों को अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया जा रहा है.
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पटना: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (भाकपा माले-लिबरेशन) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार चुनावी लाभ के लिए जातियों को अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दे रही है. वामपंथी नेता ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री पर लोगों को "धोखा" देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे समाज में "अराजकता" फैल रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में 'मान' नाम का एक छोटा जाति समूह है. नीतीश कुमार ने आदेश दिया कि उसे अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत वर्गीकृत किया जाए, जबकि वह अच्छी तरह जानते थे कि ऐसा करना केंद्र का विशेषाधिकार है. उनका आदेश न्यायिक जांच के दौरान टिक नहीं सका, लेकिन मुख्यमंत्री खुश हैं कि उन्हें चुनावी लाभ मिला.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह लोहार जाति को एसटी का दर्जा देकर उनके साथ धोखा किया गया. वह इस तरह खिलवाड़ कर रहे हैं, जिससे समाज में अराजकता फैल रही है.’’
वामपंथी नेता ने यह भी दावा किया कि "भाजपा के प्रति लगाव" रखने वाले लोगों ने राज्य में आरक्षण में वृद्धि को अदालत में चुनौती दी थी और जद(यू) (जनता दल-यूनाइटेड) सुप्रीमो भाजपा का सिर्फ एक ‘‘मुखौटा’’ बने हुए हैं और ऐसा लगता है कि सारे फैसले भाजपा ले रही है. उन्होंने कहा, "पूरे देश के लिए जाति जनगणना की आवश्यकता और बिहार में आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण में वृद्धि सुनिश्चित करने को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन एकमत है. राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को संसद में संविधान की नौवीं अनुसूची में उन कानूनों को शामिल करने का प्रस्ताव पेश करना चाहिए जिनके द्वारा आरक्षण को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया गया था. तमिलनाडु में 69 प्रतिशत आरक्षण है, जिसे नौवीं अनुसूची में शामिल कर संरक्षित किया गया है."
भट्टाचार्य ने कहा कि इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा "हिंदू-मुस्लिम बहस को भड़काकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर सकती है. इसके अलावा मतदाता सूची में हेरफेर कर सकती है, जैसा कि महाराष्ट्र और हाल में दिल्ली में देखा गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बिहार, उत्तर प्रदेश की राह पर नहीं जाएगा और यहां के लोग झारखंड की तरह मुफ्त बिजली और महिलाओं के लिए भत्ते की खातिर वोट करेंगे."
वामपंथी नेता ने दावा किया, "मैंने हाल में सीमांचल क्षेत्र का दौरा किया और पाया कि लोग बदलाव के लिए व्याकुल हैं. वे इस सरकार की उदासीनता से तंग आ चुके हैं जो असंतोष को दबाने के लिए पुलिस का बेशर्मी से इस्तेमाल करती है." भाकपा (माले-एल) महासचिव ने राजद नेता तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना कहा, "महिलाओं को 2,500 रुपये प्रति माह और मुफ्त बिजली का वादा बिहार में गूंजेगा. यहां एक तिहाई आबादी 6,000 रुपये प्रति माह से कम में गुजारा करती है." भट्टाचार्य ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद संबंधी एक सवाल टाल दिया. लालू प्रसाद ने हाल में इच्छा व्यक्त की थी कि उनके बेटे तेजस्वी यादव को अगला मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. वामपंथी नेता ने कहा, "महागठबंधन में अभी तक इस पर चर्चा नहीं हुई है. जब समय आएगा तो हम बात करेंगे और संयुक्त रूप से निर्णय लिया जाएगा."
भट्टाचार्य ने अमेरिका से 104 भारतीय नागरिकों को वापस भेजे जाने के मामले में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर भी निशाना साधा वामपंथी नेता ने कहा, " (अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड) ट्रंप प्रशासन ने हमारे देशवासियों को इस तरह हथकड़ी पहनाई जैसे वे अपराधी हों. हमारे अपने विदेश मंत्री इस अपमान का बचाव कर रहे हैं. कोलंबिया जैसे छोटे देश ने अमेरिका द्वारा खुद के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं होने दिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि केंद्रीय बजट में भी देश के गरीब लोगों के कल्याण के बजाय अमेरिकी हितों को ध्यान में रखा गया है. आयकर में छूट की बात एक नौटंकी है. देश की आबादी के एक बड़े हिस्से के पास इतनी आय नहीं है कि उस पर कर लगाया जा सके."
इनपुट- भाषा
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