Bihar Politics: कर्पूरी ठाकुर किसके, बिहार में छिड़ी 'जननायक' की सियासी विरासत की जंग
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Bihar Politics: कर्पूरी ठाकुर किसके, बिहार में छिड़ी 'जननायक' की सियासी विरासत की जंग

Bihar Politics: चुनावी मौसम में बिहार का हर दल खुद को जननायक की राजनीतिक विरासत का असली उत्तराधिकारी साबित करने में जुटा हुआ है. पीएम मोदी और नीतीश कुमार से लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि दी है.

कर्पूरी ठाकुर की विरासत पर राजनीति

Karpoori Thakur Birth Anniversary: भारत रत्न और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की आज 101 वीं जयंती है. बिहार की सियासत में दो प्रमुख दल हैं- जेडीयू और राजद. दोनों दल पिछड़े वर्ग की राजनीति करती हैं. इन पार्टियों में एक ही कोख से जन्मे दो दलों का बिहार की राजनीति में लगातार तीन दशक से अधिक समय तक दबदबा रहा है. चुनावी मौसम में बिहार का हर दल खुद को जननायक की राजनीतिक विरासत का असली उत्तराधिकारी साबित करने में जुटा हुआ है. विधानसभा चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के बहाने अति पिछड़े वर्ग के वोटरों को साधने की कोशिश की जा रही है.

कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती पर दोनों खेमे- एनडीए और महागठबंधन, दोनों ओर से कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. एनडीए की समस्तीपुर में कर्पूरी चर्चा का आयोजन किया है. इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भगवत चौधरी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी शामिल होंगे. दूसरी ओर कर्पूरी ठाकुर के कर्मभूमि झंझारपुर में राजद नेताओं का जुटान हुआ. कर्पूरी चौक पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. इसी के साथ तेजस्वी ने बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया.

 

 

 

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अब सवाल यह उठता है कि आखिर कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur) किसके हैं. बता दें कि बिहार में पिछड़े वर्ग की राजनीति करने वालों के लिए कर्पूरी ठाकुर मसीहा से कम नहीं हैं. नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों नेता कर्पूरी ठाकुर की यूनीवर्सिटी के छात्र रहे हैं. जनता दल से अलग होकर बिहार में दो पार्टियां बनीं. पहली RJD और दूसरी समता पार्टी, जो बाद में JDU में बदल गई. लालू ने अपने परिवार को राजनीति में शामिल किया तो नीतीश कुमार ने उनसे अधिक समय तक सीएम रहने के बावजूद अपने इकलौते बेटे को राजनीति से दूर रखा. ठीक उसी तर्ज पर जैसा कर्पूरी ठाकुर ने अपने बेटे रामनाथ ठाकुर के लिए किया था. इस तरह से कर्पूरी ठाकुर के दिखाए मार्ग पर नीतीश कुमार को चल रहे हैं, लेकिन लालू यादव उससे भटक गए हैं.

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