Kalpana Soren News: झारखंड मुक्ति मोर्चा चाहे जो भी इनाम दे दे, लेकिन कल्पना सोरेन ने जो भी कुछ किया, पार्टी उसकी कोई भी कीमत नहीं चुका सकती है. हां, कल्पना की क्षमताओं का इस्तेमाल कर पार्टी नया मुकाम जरूर पा सकती है.
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Kalpana Soren News: विपरीत हालात में खुद को दया का पात्र ना समझें, हौसले से हालत बदलते देर नहीं लगती. ये लाइनें झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेत्री कल्पना सोरेन पर एकदम सटीक साबित होती है. लगभग एक साल पहले कल्पना सोरेन पर विपत्ति आन पड़ी थी. पति हेमंत सोरेन जेल में थे और परिवार में टूट-फूट को बड़ा बनाने की पूरी तैयारी थी पर उन्होंने हिम्मत न हारी और मन में एक आस लेकर पार्टी को लीड करने के लिए आगे आईं. वो समय बहुत ही नाजुक था और पार्टी के बिखर जाने का खतरा था. झारखंड मुक्ति मोर्चा का बिखरना मतलब एक आंदोलन का बिखर जाना. खतरा बहुत बड़ा था पर विपरीत समय में पार्टी को कल्पना का सहारा मिला और उसी की बदौलत आज हेमंत सोरेन की फिर से झारखंड में सरकार चल रही है. जाहिर है कल्पना सोरेन को इसका इनाम मिलना चाहिए. अब खबर आ रही है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा कल्पना को उनका इनाम देने जा रही है.
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बताया जा रहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा जल्द ही कल्पना को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने वाला है. विपरीत समय में खुद को साबित करने वाली कल्पना ने ऐसे समय में नेतृत्व और साहस का प्रदर्शन किया, जब उनकी पार्टी को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. झामुमो का एक एक कार्यकर्ता हतोत्साहित था. सबसे बड़े नेता हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया था. परिवार की सीता सोरेन बगावत की मुद्रा में थीं. पार्टी के साथ साथ परिवार पर भी टूट का बड़ा खतरा सामने था. ऐसे में सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं की एकमात्र उम्मीद कल्पना से थी और कल्पना ने निराश भी नहीं किया.
कल्पना ने अपने चमत्कारिक नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करते हुए पार्टी को एक तरह से भंवर से बाहर निकाला. हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में कल्पना ने लोकसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व किया और इंडिया ब्लॉक के गठन में भी अहम भूमिका निभाई. दिल्ली के रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ कल्पना सोरेन ने मोदी सरकार के सामने बड़ी चुनौती पेश की थी. हालांकि लोकसभा चुनाव में पार्टी और इंडिया ब्लॉक का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा, लेकिन गांडेय विधानसभा उपचुनाव में कल्पना ने धमाकेदार जीत दर्ज कर राजनीतिक पिच पर अपनी पारी की शुरुआत कर दी.
गांडेय विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद कल्पना पार्टी की स्टार प्रचारक बनकर उभरीं और उसके बाद पार्टी की महत्वपूर्ण बैठकों और रैलियां करने लगीं. विधानसभा चुनाव में भी कल्पना सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा और इंडिया ब्लॉक की जीत में बड़ी भागीदारी निभाई. तभी तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी और गठबंधन की जीत में कल्पना के योगदान को सार्वजनिक मंच से स्वीकार किया. चुनाव प्रचार में कल्पना अपने पति हेमंत सोरेन से कहीं से भी पीछे नहीं रहीं और 100 से अधिक बड़ी रैलियां कर भाजपा की पूरी ताकत को शिकस्त देने में कामयाब रहीं.
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अगले कुछ दिनों में झारखंड मुक्ति मोर्चा का केंद्रीय महाधिवेशन होने वाला है और बहुत संभव है कि कल्पना सोरेन को उनके किए का इनाम मिल जाए. उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. बताया जा रहा है कि झामुमो के महाधिवेशन की तिथि और जगह की जल्द ही घोषणा की जाएगी. महाधिवेशन में बिहार, असम, बंगाल, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु आदि राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. इसके अलावा 2 फरवरी को दुमका में झामुमो का स्थापना दिवस भी धूमधाम से मनाया जाएगा. इन आयोजनों को इस बार खास बनाने की तैयारी है.