राष्ट्रपति मुर्मू के सामने सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में आज भी ऐसी अनगिनत कचहरियां हैं, जहां महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है.
Trending Photos
CJI DY Chandrachud News: देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने जब से पदभार संभाला है, न्यायपालिका में सुधार करने में लगे हैं. वे अदालतों में ऐसी सुविधा विकसित करने में लगे हैं जिससे लोगों को आसानी से और समय पर न्याय मिल सके. वे देश की अदालतों को हाईटेक भी करने में लगे हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई भी लाइव कर दी है, जिससे जनता को न्यायपालिका पर भरोसा बढ़ें. ये उनकी साफगोशी ही है कि सीजेआई रहते हुए भी वो न्यायपालिका की कमियों को उजागर करने में हिचकिचाते नहीं है.
ऐसा ही एक वाकया बुधवार (24 मई) को देखने को मिला. जब सीजेआई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने अदालतों की एक बड़ी कमी को उजागर कर दिया. राष्ट्रपति मुर्मू के सामने सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में आज भी ऐसी अनगिनत कचहरियां हैं, जहां महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने ये बातें झारखंड हाई कोर्ट का उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कहीं.
कार्यक्रम में सीजेआई ने कहा कि न्याय प्रणाली का लक्ष्य सामान्य व्यक्ति को न्याय दिलाना है. देश में आज अनगिनत कचहरियां हैं, जहां महिलाओं के लिए शौचालय भी नहीं है. न्याय व्यवस्था को समाज के हर नागरिक तक पहुंचना होगा. तकनीक के माध्यम से हम अपने कार्य को सामान्य लोगों को जोड़ सकेंगे. सर्वोच्च न्यायालय के सात साल के मेरे निजी अनुभव में सजा होने से पहले गरीब लोग कई दिनों तक जेल में बंद रहते हैं. अगर न्याय जल्दी नहीं मिले तो उनकी आस्था कैसे बनी रहेगी. जमानत के मामलों में प्रत्यक्ष रूप में हमें इस मामले में हमें ध्यान रखना चाहिए.
देश की सभी अदालतों को हाईटेक करने को लेकर सीजेआई ने कहा कि जिला न्यायालय को बराबरी देने की जरूरत है. जिला न्यायालय की गरिमा नागरिकों की गरिमा से जुड़ी है. सर्वोच्च न्यायलय ने हिंदी भाषा में निर्णयों का अनुवाद किया है. मैं उच्च न्यायालय से भी यही उम्मीद करता हूं. लाइव स्ट्रीम से कोर्ट रूम को हर घर में ले जाना बेहतर है.
ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: विपक्षी एकता में जुटे नीतीश को सच्चे दोस्त ने दिया झटका, मोदी के आगे विपक्ष फिर बिखरा
इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मू ने भी न्याय व्यवस्था में अभी बहुत सुधार किए जाने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि कई बार कोर्ट के फैसलों के बाद भी लोगों को न्याय नहीं नहीं मिलता. लोग एक-एक केस के लिए वर्षो तक लड़ाई लड़ते हैं. समय, रुपये और रातों की नींद बर्बाद होती है. यह सुनिश्चित होना चाहिए कि लोगों को वास्तविक रूप से न्याय मिले. यह कैसे होगा, इसका रास्ता मुझे नहीं मालूम. राष्ट्रपति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, कानून मंत्री, जज, वकील सब मिलकर इसका रास्ता निकालें.
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं गांव में एक ऐसी समिति से जुड़ी थी जो यह देखती थी कि कोर्ट के फैसले के बाद परिवार किस हाल में है. उस वक्त हमने यह पाया है कि कोर्ट में फैसला आने के बाद भी लोगों को न्याय नहीं मिला. फैसले पर अमल नहीं किया गया. ऐसे कई लोगों की सूची आज भी मेरे पास है, जिसे मैं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भेजूंगी. कोर्ट न्याय का मंदिर है, लोग इसे विश्वास के साथ देखते हैं. कोर्ट के पास यह ताकत है कि वह न्याय दे सके. लोगों को उनके अधिकार दे सकें.