Garuda Purana: गरुड़ पुराण के अनुसार धर्मात्मा लोगों के प्राण मुंह से निकलते हैं और इस अद्भुत क्षण में उन्हें यमलोक में अधिक कष्ट नहीं भोगना पड़ता है. इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि अच्छे कर्मों का फल हमें मृत्यु के बाद भी मिलता है और आत्मा अमर होती है.
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Garuda Purana: गरुड़ पुराण और शास्त्रों में यह बताया गया है कि शरीर अनित्य होता है, लेकिन आत्मा अमर है. जिस तरह श्रीकृष्ण ने भगवद गीता में कहा है, ठीक उसी तरह गरुड़ पुराण ने भी जीवन और मृत्यु के विषय में बहुत विस्तारपूर्वक बताया है. इस अद्भुत ग्रंथ के अनुसार जब हम मरते हैं, तो शरीर केवल एक क्षणिक रूप होता है और आत्मा हमेशा जीवित रहती है.
गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के समय प्राण शरीर छोड़ते हैं और इस समय मुंह टेढ़ा हो जाता है. इस घड़ी में मुंह टेढ़ा होना शुभ माना जाता है और यह उस व्यक्ति के पुण्यकर्मों का परिचय कराता है. जो लोग अपने जीवन में धर्मपरायण रहते हैं और दूसरों के लिए कार्यरत हैं, उनकी मृत्यु इस प्रकार एक श्रेष्ठ अवस्था में होती है.
गरुड़ पुराण के अनुसार धर्मात्मा लोगों के प्राण मुंह से निकलते हैं और इस अद्भुत क्षण में उन्हें यमलोक में अधिक कष्ट नहीं भोगना पड़ता है. इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि अच्छे कर्मों का फल हमें मृत्यु के बाद भी मिलता है और आत्मा अमर होती है.
गरुड़ पुराण ने जीवन के मूल्यवान पहलुओं को समझाया है और यह बताया है कि मृत्यु का सामान्य समय नहीं होता, जो हमें यह याद दिलाता है कि हमें सदैव धर्मपरायण रहना चाहिए. इस ग्रंथ से हमें अनजाने और मरने के बाद की स्थिति के बारे में ज्ञान मिलता है, जो हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है. इसलिए, हमें इस अद्भुत ग्रंथ का समर्पण करना चाहिए और इसके शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए.
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