छह आईएएस अधिकारी प्रशांत किशोर से जुड़े है. इसमें सबसे पहले नाम अजय कुमार द्विवेदी का आता है, यह पश्चिम चंपारण जिले के रहने वाले हैं. साथ ही विशेष सचिव कैबिनेट बिहार सरकार से सेवानिवृत्त हुए हैं. अरविंद कुमार सिंह 1983 बैच के हैं और यह भोजपुर जिले के रहने वाले हैं.
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पटना: प्रशांत किशोर दो अक्टूबर 2022 से जन सुराज अभियान के तहत बिहार के गांव-गांव घूमकर अपने आप को मजूबत कर रहे हैं. इनके अभियान से कई वर्गों से लोग जुड़ रहे हैं. हाल ही में छह पूर्व 'IAS' प्रशांत किशोर से जुड़े है.
प्रशांत से जुड़कर ये काम करेंगे पूर्व आईएएस अधिकारी
बता दें कि मंगलवार को पाटलिपुत्र के जन सुराज कार्यालय में प्रशांत किशोर से कई लोग जुड़े. इसमें से छह पूर्व आईएएस अधिकारी रहे हैं जिन्होंने पद पर रहते हुए जनता की सेवा तो की ही, लेकिन राजनीतिक और वरीय अधिकारियों के दबाव के कारण बहुत कुछ नहीं कर पाए. अब इन सभी पूर्व अधिकारियों का सपना हम पूरा करवाएंगे.
जानें कौन है छह पूर्व आईएएस अधिकारी
मंगलवार को छह आईएएस अधिकारी प्रशांत किशोर से जुड़े है. इसमें सबसे पहले नाम अजय कुमार द्विवेदी का आता है, यह पश्चिम चंपारण जिले के रहने वाले हैं. साथ ही विशेष सचिव कैबिनेट बिहार सरकार से सेवानिवृत्त हुए हैं. अरविंद कुमार सिंह 1983 बैच के हैं और यह भोजपुर जिले के रहने वाले हैं. इन्होंने सचिव व जिला अधिकारी भी कैमूर और पूर्णिया में रह चुके हैं. ललन सिंह यादव 1981 बैच के हैं साथ ही यह मुंगेर के रहने वाले हैं. सहरसा के आयुक्त व नवादा तथा कटिहार के डीएम भी रह चुके हैं. तुलसी हजरा 1981 बैच के हैं, यह पूर्वी चंपारण जिले के रहने वाले हैं. प्रशासक बेतिया से सेवानिवृत्त हुए हैं. सुरेश शर्मा 1985 बैच के हैं, यह गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं. इन्होंने संयुक्त सचिव स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार से सेवानिवृत्त हुए हैं. गोपाल नारायण सिंह 1983 बैच के हैं औरंगाबाद जिले के रहने वाले हैं. इनके बारे में बता दें कि संयुक्त सचिव ग्रामीण कार्य विभाग बिहार सरकार से सेवानिवृत्त हुए हैं.
प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान की बात करें तो छह पूर्व आईएएस अधिकारी इनसे जुड़े है. इन सभी ने अपना अनुभव शेयर किया. इसके अलावा सभी अधिकारियों ने टीम से जुड़ने का मकसद भी बताया. अधिकारी ने कहा कि प्रशांत किशोर से जुड़ने का सबसे बड़ा मकसद है सिर्फ यहीं है कि जो भी पॉलिटिकल पार्टी है उसमें एक ही नेता कभी आरजेडी में होते हैं तो कभी बीजेपी में होते हैं तो कभी जेडीयू में आते हैं. नए लोग जो समाज की सेवा करना चाहते हैं. प्रशांत ने कहा कि इन सभी के जुड़ने से वो काफी मजबूत होंगे.
इनपुट- भाषा
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