Junior Doctors Strike: पावापुरी भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान में भी जूनियर डॉक्टरों ने आज दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रखा है. उनकी मांग है कि सरकार से जल्द से जल्द उनकी स्टाइपेंड की राशि बढ़ाए.
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नालंदा: स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे बिहार जूनियर डॉक्टर्स का हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है. इसी क्रम में नालंदा के पावापुरी भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान के इंटर्न छात्र भी स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. इंटर्न डॉक्टरों ने पावापुरी मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल की ओपीडी सेवा बाधित कर दिया. साथ ही सरकार से स्टाइपेंड की राशि जल्द बढाने की मांग की है.
OPD सेवा बाधित
इंटर्न चिकित्सकों ने अस्पताल के ओपीडी परिसर के बाहर अपनी मांगों के समर्थन में हाथ में पोस्टर लेकर जमकर नारेबाजी भी की. ओपीडी सेवा बंद रहने से मरीज एवं उनके तीमारदारों को काफी परेशानी हो रही है. बता दें कि जिले का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते प्रतिदिन यहां करीब तीन से चार हजार मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं. ऐसे में इंटर्न डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से जमुई शेखपुरा, नवादा सहित नालंदा के मरीज एवं उनके तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि इंटर्न डॉक्टरों ने पिछले 6 सालों से छठी बार स्टाइपेंड वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल किया है. हर बार सरकार की ओर से आश्वासन मिलता है. लेकिन उसके बाद वह लोग अपने वादे से मुकर जाते है. उन्होंने कहा कि इस बार जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी वे लोग कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे.
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35 हजार हो स्टाइपेंड
स्टूडेंट विंग के नेशनल कन्वीनर प्रशांत कुमार ने बताया कि इंटर्न को अभी मात्र 15 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड मिलता है. इसे बढ़ाकर कम से कम 35 हजार रुपए प्रतिमाह कर देना चाहिए. इसको लेकर इंटर्न डॉक्टर ने अस्पताल अधीक्षक और स्वास्थ्य सचिव को भी अपना मांग पत्र दिया था. अगर वहां से किसी प्रकार का आश्वासन नहीं मिला तो अनिश्चितकालीन हड़ताल आगे भी जारी रहेगा. दूसरे राज्यों में स्टाइपेंड की राशि बिहार से ज्यादा है. उनका कहना है कि झारखंड में स्टाइपेंड 24 हजार पांच सौ रुपए है. जबकि पश्चिम बंगाल में 28 हजार और असम में 31 हजार रुपये है और बिहार मे उन्हें आम मजदूर से भी कम आंका जाता है.