बिहार में जहरीली शराब पीने से बीते कुछ दिनों में 74 लोगों की मौत हो चुकी है. विपक्ष पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग कर रहा है. अब इस मामले पर जेडीयू कोटे से मंत्री लेसी सिंह ने जवाब दिया है.
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पटना: Bihar Hooch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब हुई मौत पर सियासत जारी है. विपक्ष जहां इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है तो वहीं सत्तारूढ़ दल पलटवार करने में पीछे नहीं है. इस बीच, जेडीयू कोटे से बिहार में मंत्री लेसी सिंह ने जहरीली शराब से हुई मौत पर विपक्ष के सवालों पर जवाब दिया है.
'शराब पर प्रोपेगेंडा कर रहा विपक्ष'
मंत्री लेसी सिंह ने कहा, ''बीजेपी शासित कई राज्यों में भी जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई तो वहां के मुख्यमंत्री ने क्यों नहीं इस्तीफा दिया? विपक्ष कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन जहरीली शराब के मामले में उन्हें प्रोपेगेंडा नहीं करना चाहिए.''
सभी दलों के समर्थन से लागू हुआ शराबबंदी कानून: जेडीयू
मंत्री ने कहा, ''शराबबंदी का सभी ने एकमत से समर्थन किया था. आज अलग है तो प्रोपेगेंडा बना रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों की भलाई के लिए शराबबंदी लागू किया है और इसका लाभ महिला-पुरुष सभी को मिला है.''
मुआवजे पर क्या बोली लेसी सिंह?
मुआवजे के सवाल पर मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विभागीय मंत्री ने बातों को रख दिया है. इस मामले में बार-बार कहने से कुछ नहीं होगा. बता दें कि बिहार के सारण में बीते कुछ दिनों के अंदर जहरीली शराब से अब तक करीब 74 लोगों की मौत हो चुकी है.
क्या है पूरा मामला?
विपक्ष जहरीली शराब के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है. उसका आरोप है कि बिहार में शराबबंदी केवल कागज पर लागू है वास्तविक इससे काफी अलग है. जबकि सरकार का कहना है कि कानून का सही तरीके से पालन हो रहा है लेकिन कुछ लोग जानबूझकर इसके खिलाफ माहौल बनाने में लगे हैं.
नीतीश के 'अपने' उठा रहे सवाल
हालांकि, महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, लेफ्ट और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा भी शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि कानून की एक बार समीक्षा करने की आवश्यकता है. जबकि बीजेपी का कहना है कि नीतीश कुमार के राज में धड़ल्ले से शराब का बिक्री हो रही है. बीजेपी ने पूरे मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार के इस्तीफे की भी मांग की है. साथ ही, सीएम के मुआवजा ना देने वाले बयान की निंदा की है.
(इनपुट-स्वप्निल सोनल)