BPSC 70th CCE: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा, पटना हाई कोर्ट इस मामले को सुनने के लिए सक्षम न्यायालय है. आप पहले वहां जाइए और हर मामले को सुप्रीम कोर्ट में लाना जरूरी नहीं है.
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बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रवेश प्रारम्भिक प्रतियोगिता परीक्षा (BPSC 70th CCE) रद्द करने की मांग का लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वो पहले पटना हाईकोर्ट जाएं और वहां अपनी बात रखें. हाईकोर्ट आर्टिकल 226 के तहत इस पर सुनवाई कर उचित आदेश पास करने में सक्षम है. इस मसले पर सीधे सुप्रीम कोर्ट आने की ज़रूरत नहीं थी.
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आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका में परीक्षा में व्यापक धांधली और पेपर लीक का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता ने परीक्षा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कराए जाने की मांग की थी. इसके साथ ही याचिका में प्रदर्शनकारी छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पटना के एसपी और डीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई मंगलवार को शुरू की. सुनवाई शुरू होते ही याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, पेपर लीक अब न्यू नॉर्मल बन गया है. देश ने देखा कि कैसे आंदोलनकारी अभ्यर्थियों के खिलाफ लाठीचार्ज का प्रयोग किया गया. सुप्रीम कोर्ट को इसमें दखल देना चाहिए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अच्छा होता कि याचिकाकर्ता सीधे सुप्रीम कोर्ट के बजाय पटना हाई कोर्ट जाते. किसी भी मामले में सीधे सुप्रीम कोर्ट आने की जरूरत नहीं है. हालांकि याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जहां लाठीचार्ज हुआ, उसी इलाके में पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस का आवास है और वो चाहते तो संज्ञान ले सकते थे. फिर भी सुप्रीम कोर्ट ने याचिककर्ता से कहा कि वो पटना हाई कोर्ट में ही याचिका दायर करें.