दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में मनाया हथिनी रजनी का 13 वां जन्मदिन, काटा गया 14 पाउंड केक
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दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में मनाया हथिनी रजनी का 13 वां जन्मदिन, काटा गया 14 पाउंड केक

दलमा पश्चिमी रेंजर दिनेश चंद्रा ने बताया कि यह खुशी की बात है. इससे लोगों में एक अच्छा संदेश जाता है कि जब हम अपने घर के बच्चों का जन्मदिन मना सकते हैं तो वन्य प्राणी का क्यों नहीं. रजनी के जन्मदिन पर लोगों को जंगली जानवरों के प्रति जागरूक करना भी एक मुख्य उद्देश्य है.

दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में मनाया हथिनी रजनी का 13 वां जन्मदिन, काटा गया 14 पाउंड केक

दलमा : सारयकेला खरसावां जिला के चांडिल प्रखंड अंतर्गत दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाता है. इस अवसर पर हथिनी रजनी का 13वां जन्मदिन मनाया गया. इस दौरान 14 पाउंड का केक भी काटा गया. जिसमें स्कूली बच्चे, वन रक्षी और पदाधिकारी के साथ ग्रामीण भी शामिल हुए.

वन विभाग ने बच्चों के साथ मिलकर मनाया हथिनी रजनी का जन्मदिन
दलमा पश्चिमी रेंजर दिनेश चंद्रा ने बताया कि यह खुशी की बात है. इससे लोगों में एक अच्छा संदेश जाता है कि जब हम अपने घर के बच्चों का जन्मदिन मना सकते हैं तो वन्य प्राणी का क्यों नहीं. रजनी के जन्मदिन पर लोगों को जंगली जानवरों के प्रति जागरूक करना भी एक मुख्य उद्देश्य है. रजनी के जन्मदिन को लेकर वन विभाग यह संदेश देना चाहता है कि जानवर भी पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण हैं और उनका भी अपना महत्व है. इसी संदेश को ध्यान में रखकर जन्मदिन मनाया जाता है. वन विभाग की कोशिश है कि इससे दूसरे भी सीख लें और जानवरों की सुरक्षा और सुरक्षा के संदेश देने के लिए इसे आत्मसात करें.

साल 2009 में झुंड से बिछड़ कर गड्ढे फंसे मिली थी रजनी
झुंड में रहने वाली मादा हथिनी रजनी हाथियों की झुंड से बिछड़कर चांडिल के पास एक गड्ढे में फंसी मिली थी. घायल अवस्था में उसे निकालकर टाटा जू लाया गया था, जहां काफी दिनों तक टाटा जू के डक्टर एम पालित के देख रेक में रजनी का इलाज हुआ. जब रजनी ठीक हो गई तो उसे दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी माकूला कोचा लाया गया. दलमा के मकुलाकोचा चेक नाका में बकायदा इस हथिनी का नामकरण रजनी के रूप में किया गया. उसी समय से रजनी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा है. रजनी का जन्मदिन मनाने के लिए दलमा वन आश्रयणी के कर्मचारियों के साथ ही मकुला कोचा के ग्रामीण भी शामिल थे. 

इनपुट- आशीष कुमार तिवारी

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