बिहार के कटिहार में शिक्षा का मंदिर बना जलावन घर
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बिहार के कटिहार में शिक्षा का मंदिर बना जलावन घर

कटिहारः कटिहार जिले के बरारी प्रखंड के कांतनगर पंचायत का प्राथमिक विद्यालय अपनी विवशता पर रो रहा है. इस स्कूल में छात्रों के पढ़ाने की जगह को  जलावन रखने का अड्डा बनाया गया है. जिस विद्यालय में शिक्षक और बच्चे साथ बैठ कर पठन-पाठन का कार्य करते थे.

(फाइल फोटो)

कटिहारः कटिहार जिले के बरारी प्रखंड के कांतनगर पंचायत का प्राथमिक विद्यालय अपनी विवशता पर रो रहा है. इस स्कूल में छात्रों के पढ़ाने की जगह को  जलावन रखने का अड्डा बनाया गया है. जिस विद्यालय में शिक्षक और बच्चे साथ बैठ कर पठन-पाठन का कार्य करते थे. वहां अब छात्रों के बैठने तक की जगह नहीं बची है.

तीन कमरों के इस विद्यालय में गंदगी का अंबार पड़ा है. शौचालय जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. शिक्षा का यह मंदिर कब खुलता है कब बंद होता है, कब बच्चे आते हैं कहां बैठते हैं, कब पढ़ते हैं, कब जाते हैं इस सवाल का जवाब स्थानीय लोगों के पास भी नहीं है. आखिर कचरे के ढेर पर गांव के शिक्षा के मंदिर की दुदर्शा यह है कि यहां हर महीने जांच होती है लेकिन यहां की स्थिति नहीं सुधरी है. ऐसे में सावल उठता है कि क्या यहां अधिकारी आते हैं या सिर्फ टेबल रिपोर्टिंग करते हैं.

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इतना ही नहीं विद्यालय शिक्षा समिति क्या कर रही है. उन्हें गांव के बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं लग रही. विद्यालय में तीन कमरा है. कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई वाले विद्यालय में बच्चे करीब डेढ़ सौ नामांकित हैं. शिक्षक की संख्या यहां पाँच के करीब है लेकिन दुर्दशा ऐसी कि ग्रामीण भी चकित हैं. विद्यालय के प्रधानाध्यापक वासेद अली हैं उन्हें कोई चिंता नही हैं. गंदगी में बैठकर समय बिताकर निकल जाना सबकी फितरत सी हो गई है. 

ग्रामीण के अलावे कई जनप्रतिनिधि ने भी जब विद्यालय को नजदीक से देखा तो शिक्षा व्यवस्था के दावे को देख मुस्कुरा दिए. यहां की यह हालत देखकर लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसे में कैसे छात्र यहां बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं. 

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