मणिपुर में हुए भूस्खलन में चली गई बिहार के रहनेवाले एक आर्मी जवान की जान
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मणिपुर में हुए भूस्खलन में चली गई बिहार के रहनेवाले एक आर्मी जवान की जान

तारीख 29 जून, वक्त रात के 8 बज रहे थे. झिरीबाम असम एवं इम्फाल के बीच तुफुल स्टेशन के पास पहाड़ी का काफी लम्बा हिस्सा भूस्खलन के कारण नीचे की ओर आ गया. जिसमें 100 व्यक्तियों के दबे होने की सूचना आने लगी. टेरिटोरियल आर्मी के लगभग 60 बल सदस्य.

(फाइल फोटो)

कटिहार : तारीख 29 जून, वक्त रात के 8 बज रहे थे. झिरीबाम असम एवं इम्फाल के बीच तुफुल स्टेशन के पास पहाड़ी का काफी लम्बा हिस्सा भूस्खलन के कारण नीचे की ओर आ गया. जिसमें 100 व्यक्तियों के दबे होने की सूचना आने लगी. टेरिटोरियल आर्मी के लगभग 60 बल सदस्य. 4 रेलवे के SSE एवं अन्य मजदूर की संख्या का इसमें दबे होने का अनुमान लगाया जा रहा है. आर्मी जहाँ रहती है वहां पर आर्मी का आवास है जो पूरा का पूरा दब गया है.. 

मणिपुर के नोनी जिले में आए इस बड़े भूस्खलन में ऐसा कहा जा रहा है कि 81 लोग लापता हैं.. जबकी 18 टेरिटोरियल आर्मी जवानों के शवों का रेस्क्यू किया जा चुका है. वहीं, बड़ी संख्या में जवानों की मौत भी हुई है. इन्हीं दिवंगत जवानों में एक बिहार के कटिहार जिले के बारसोई निवासी की मौत की पुष्टि हुई है. शुक्रवार की देर रात जवान का शव बरामद किया गया है.

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बारसोई निवासी आर्मी जवान शुभम कुमार की मणिपुर में हुए भूस्खलन में मौत की खबर उनके घर वालों को दी गई है. स्वजनों के मुताबिक वहां से एक अधिकारी का फोन आया और उन्होंने बताया कि शुभम कुमार की लैंडस्लाइड में मौत हो गई है. वहीं ऐसा कहा जा रहा है कि 4 जुलाई को शुभम का पार्थिव शरीर पैतृक आवास बारसोई पहुंचेगा. इधर स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. आसपास के कई गांवों के लोग शुभम के घर पहुंच रहे हैं.

जानकारी के अनुसार बुधवार से ही शुभम उर्फ सन्नी के घर वालों का संपर्क टूट गया था. घरवाले लगातार संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रहे थे. परंतु कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा था. वहीं मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को रेस्क्यू टीम के द्वारा मलवा हटाने पर 107 गोरखा बटालियन में कार्य करने वाले कटिहार जिला के बारसोई अनुमंडल नगर पंचायत निवासी शुभम कुमार की लाश बरामद हुई है. 

शुभम के मौत की सूचना पाते ही घर में हाहाकार मच गया. बता दें कि शुभम के पिता जय कुमार सिंह उर्फ लाल जी भी आर्मी में थे और उनके पिता की मृत्यु कम समय में ही बीमारी के कारण हो गई थी. उस समय वे फौज में कार्यरत थे. माता मंजू देवी और दादी अनरगिया देवी का रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं घरवालों से मिली जानकारी के अनुसार 4 जुलाई को शव बारसोई पहुंचने की उम्मीद है. शहीद शुभम 18 दिन पूर्व 11 जून को छुट्टी मना कर घर से ड्यूटी पर वापस लौटा था.

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