Monsoon Session: लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा हुई और इस पर अनुराग ठाकुर के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से बिल को मंजूरी दे दी.
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Parliament Session: संसद ने सोमवार को ‘सिनेमेटोग्राफ (अमेंडमेंट) बिल 2023 को मंजूरी दे दी, जिसमें फिल्मों को आयुवर्ग के हिसाब से बांटने और फिल्म इंडस्ट्री में पायरेसी को कंट्रोल करने से जुड़ा प्रावधान है.लेकिन इस बिल पर जवाब देते वक्त केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में गाना गाया, जो काफी वायरल हो रहा है. अपने भाषण के दौरान उन्होंने जिम्मी-जिम्मी और आई एम ए डिस्को डांसर गाना गाया, जिस पर हर कोई हैरान रह गया. लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा हुई और इस पर अनुराग ठाकुर के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से बिल को मंजूरी दे दी.
इस बिल में फिल्मों की अवैध रिकॉर्डिंग और उसका प्रदर्शन करने पर दोषियों के खिलाफ जुर्माने एवं सजा का प्रावधान भी किया गया है. ठाकुर ने चर्चा के जवाब में कहा कि भारत की फिल्में केजीएफ और आरआरआर ने पूरी दुनिया में अपनी धूम मचाई है और दक्षिण भारतीय फिल्में देश-दुनिया में अपनी पहचान बना रही हैं. उन्होंने कहा कि इस बिल में फिल्म इंडस्ट्री के हर पक्ष का ध्यान रखा गया है और इसे व्यापक चर्चा के बाद लाया गया है.
हर साल 20-22 हजार करोड़ का नुकसान
ठाकुर ने कहा कि पायरेसी के कारण फिल्म जगत को हर साल 20 से 22 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है और इस बिल से फिल्म जगत की बहुत लंबे समय से जारी मांग को पूरा किया गया है. उन्होंने कहा कि इस बिल में फिल्म सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को भी आसान करने का प्रावधान किया गया है.
भाषण में ठाकुर ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां कहानी सुनाने की प्रथा रही है और भारत के पास वह सब उपलब्ध है जो भारत को दुनिया का 'कंटेंट हब' बना सकता है. आज दुनिया की बड़ी से बड़ी फिल्मों का पोस्ट-प्रोडक्शन का काम हिंदुस्तान में होता है, ऐसे में फिल्म जगत को एक बहुत बड़े अवसर के रूप में देखना चाहिए और एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में देखना चाहिए. इसी दौरान उन्होंने जिम्मी-जिम्मी और I am a Disco Dancer गाना गाया, जिस पर आसपास बैठे अन्य सांसद मुस्कुराने लगे.
अब दफ्तरों के नहीं काटने होंगे चक्कर
ठाकुर ने कहा कि भारत की फिल्म इंडस्ट्री 110 साल से अधिक पुरानी है और उसे दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में बनाती है. इस बिल के आने के बाद अब फिल्म वालों को सारी उम्र के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान किया गया है और उन्हें दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी. यह अगले 100-200 साल के लिए पायरेसी से मुक्ति दिलाएगा.
बिल के प्रावधानों के मुताबिक, पायरेसी के खिलाफ इसमें तीन लाख रुपये के जुर्माने और अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान है. जुर्माने को फिल्म की मार्केट ग्रॉस प्रोडक्शन कॉस्ट के पांच प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है.
तीन श्रेणियों में दिए जाएंगे सर्टिफिकेट्स
बिल में फिल्मों को अभी तक दिए जाने वाले ‘यूए’ प्रमाणपत्र को उम्र की तीन श्रेणियों ‘यूए7 प्लस’, ‘यूए13 प्लस’ और ‘यूए16 प्लस’ में रखने का प्रावधान किया गया है. इससे पैरेंट्स को यह तय करने में मदद मिलेगी कि उनके बच्चे उस फिल्म को देख सकते हैं या नहीं.
बिल में फिल्मों को सेंसर बोर्ड का प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के प्रावधान हैं. इसमें फिल्मों को दिए जाने वाले सेंसर बोर्ड के प्रमाणपत्र की वर्तमान 10 वर्ष की वैधता अवधि को बढ़ाकर हमेशा के लिए किए जाने का प्रावधान है.