अखिलेश यादव ने महाकुंभ भगदड़ और जाम की बनी स्थिति को लेकर आज संसद में सरकार को जमकर सुनाया. इसी दौरान उन्होंने अखबारों में छपे एक विज्ञापन को लेकर सरकार को घेरा. यह विज्ञापन आरबीआई की तरफ से प्रकाशित किया गया था.
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लोकसभा में सपा सांसद अखिलेश यादव ने आज एक विज्ञापन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि एक दिन मैंने अंग्रेजी अखबार देखा. उसके पहले पन्ने पर विज्ञापन था और उसमें जो तस्वीर थी, उसमें एक जानवर था. तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मुझे पहचान में नहीं आ रहा, शायद वो गधा रहा होगा. वो जेल के अंदर है. मेरा मन नहीं माना. मैंने उसी दिन सरकार को जगाने के लिए लिखा. अखिलेश ने कहा कि आज मैं सरकार के माध्यम से जानना चाहता हूं कि डिजिटल इंडिया करते-करते साइबर क्राइम, साइबर लूट और डिजिटल अरेस्ट कितना बढ़ गया है.
क्या था उस विज्ञापन में?
उन्होंने कहा कि इस जानकारी के बाद दोबारा वो विज्ञापन अखबार में नहीं आया. अखिलेश ने कहा कि उस विज्ञापन की तस्वीर मैं नहीं दिखा सकता, मैं समझता हूं कि माननीय मंत्री जी उस विज्ञापन को जानते होंगे और देखा होगा उन्होंने. जो विज्ञापन दिया... जनता का भारतीय रिजर्व बैंक से सवाल है कि आप ऐसे विज्ञापनों में किसको चित्रित कर रहे हैं और क्यों? वो कहां से आया है? क्या यह कोई प्रतीकात्मक चित्रण है? यदि हां तो वह जानवर किसका प्रतीक है. क्या उस सिस्टम का जिसके कंधे पर स्वच्छ और सुरक्षित बैंकिंग की नौतिक जिम्मेदारी है या उस मंत्रालय का जिसे सुरक्षित बैंकिंग का दायित्व निभाना चाहिए.
जनता का ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ से ये सवाल है कि वो अपने ऐसे विज्ञापनों में किसको चित्रित कर रहे हैं और क्यों और वो कहाँ से आया है?
क्या ये कोई प्रतीकात्मक चित्रण है? यदि हाँ तो वो जानवर किसका प्रतीक है? क्या उस ‘सिस्टम’ का जिसके कंधे पर स्वच्छ और सुरक्षित बैंकिंग की नैतिक… pic.twitter.com/TAXlh9ionz
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 7, 2024
जनता की मानहानि?
सपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर ये चित्रण जनता को दिखाना चाह रहा है तो यह अनैतिक है और जनता इसके लिए मानहानि का दावा भी कर सकती है. अगर आरबीआई यही दिखाना चाह रहा है तो अपने खाताधारकों के प्रति बैंक का ऐसा नकारात्मक रवैया न केवल आपत्तिजनक है बल्कि घोर निंदनीय भी है.
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सपा अध्यक्ष ने आज डिजिटल अरेस्ट से ठगी का मुद्दा जोरशोर से उठाया. उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है? आपको बता दें कि यह विज्ञापन कुछ महीने पहले छपा था और दिसंबर में अखिलेश ने तस्वीर के साथ ट्वीट भी किया था.