Bihar News: बिहार में चुनावी गड़बड़ी से हड़कंप मचा हुआ है. तिरहुत स्नातक निर्वाचन में चौंकाने वाली गड़बड़ी सामने आई है. मुजफ्फरपुर में तिरहुत स्नातक विधान परिषद चुनाव के लिए जारी मतदाता सूची में गंभीर गड़बड़ी सामने आई है.
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Bihar News: बिहार में चुनावी गड़बड़ी से हड़कंप मचा हुआ है. तिरहुत स्नातक निर्वाचन में चौंकाने वाली गड़बड़ी सामने आई है. मुजफ्फरपुर में तिरहुत स्नातक विधान परिषद चुनाव के लिए जारी मतदाता सूची में गंभीर गड़बड़ी सामने आई है. इस सूची में 724 मतदाताओं में से 138 के पिता का नाम "मुन्ना कुमार" दर्ज है. यह अजीबोगरीब गलती औराई प्रखंड के बूथ नंबर 54 से जुड़ी है, जिसने मतदाताओं को भ्रमित और परेशान कर दिया है.
टेक्निकल एरर या लापरवाही?
सूत्रों के अनुसार यह गलती यूनिकोड फॉन्ट की तकनीकी खामी के कारण हुई है. जिन मतदाताओं के पिता के नाम का पहला अक्षर 'एम' था, उनके पिता का नाम "मुन्ना कुमार" दर्ज हो गया. इस गड़बड़ी में हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मों के मतदाता शामिल हैं.
मतदाताओं में नाराजगी और डर
गलतियों की वजह से मतदाता चिंतित हैं. उन्हें आशंका है कि इस गड़बड़ी के कारण वे मतदान से वंचित हो सकते हैं. स्थानीय प्रशासन की ओर से यह भरोसा दिलाया गया है कि किसी भी मतदाता को उनके मताधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा. लेकिन मतदाता इस त्रुटि को लेकर नाराज और असमंजस में हैं.
प्रशासन की सफाई और सुधार का वादा
तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त सरवनन एम ने इसे तकनीकी त्रुटि करार दिया और भरोसा दिलाया कि चुनाव के बाद मतदाता सूची में सुधार किया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस गड़बड़ी के बावजूद सभी मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे.
चुनाव प्रक्रिया और मतदाताओं की दिक्कतें
तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में 5 दिसंबर को मतदान और 9 दिसंबर को मतगणना होनी है. लेकिन इस त्रुटि ने मतदाताओं और प्रशासन दोनों के लिए सिरदर्द पैदा कर दिया है. मतदाता अपनी पहचान को लेकर असमंजस में हैं, जबकि प्रशासन इस गड़बड़ी को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश कर रहा है.
टेक्निकल एरर ने बढ़ाई परेशानी
मतदाता सूची की इस गलती ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्रशासन की ओर से सावधानीपूर्वक जांच की गई थी. यूनिकोड फॉन्ट और डेटा एंट्री की खामियों ने ऐसी समस्या खड़ी की है, जो मतदाताओं के भरोसे को प्रभावित कर सकती है. मतदाता दीनबंधु क्रांतिकारी ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी पहचान पर इस तरह सवाल उठेगा. हम उम्मीद करते हैं कि प्रशासन इसे गंभीरता से लेकर जल्द सुधार करेगा.
गड़बड़ी से सबक लेने की जरूरत
यह घटना बिहार की चुनावी प्रक्रियाओं में तकनीकी और मानवीय खामियों को उजागर करती है. हालांकि प्रशासन ने मतदाताओं को उनके अधिकार सुरक्षित रहने का भरोसा दिया है, लेकिन ऐसी घटनाएं भविष्य में सुधार की जरूरत को रेखांकित करती हैं.