Top Ki Flop: इस फिल्म का नाम होना था अमर अकबर एंथोनी-2, लेकिन हुआ सब उल्टा-पुल्टा, रिजल्ट आया फ्लॉप
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Top Ki Flop: इस फिल्म का नाम होना था अमर अकबर एंथोनी-2, लेकिन हुआ सब उल्टा-पुल्टा, रिजल्ट आया फ्लॉप

Amitabh Bachchan Films: मनमोहन देसाई और अमिताभ बच्चन की जोड़ी ने हिंदी सिनेमा को शानदार फिल्में दी हैं. परवरिश, अमर अकबर एंथोनी, सुहाग, नसीब, देशप्रेमी, कुली और मर्द. लेकिन इसके बाद गाड़ी पटरी से उतर गई. हाल में अपने बंगले के सामने आने वाले फैन्स की संख्या और उनके गिरते उत्साह को देखकर अमिताभ भी मान चुके हैं कि सब कुछ सदा के नहीं रहता.

 

Top Ki Flop: इस फिल्म का नाम होना था अमर अकबर एंथोनी-2, लेकिन हुआ सब उल्टा-पुल्टा, रिजल्ट आया फ्लॉप

Amitabh Bachchan Hit Films: गंगा जमुना सरस्वती 1988 में आई अमिताभ बच्चन की फ्लॉप फिल्मों में गिनी जाती है. अमिताभ के साथ मीनाक्षी शेषाद्री, जयाप्रदा, मिथुन चक्रवर्ती, अमरीश पुरी तथा निरूपा रॉय की मुख्य भूमिकाएं थी. मनमोहन देसाई ने फिल्म को निर्देशित किया था. अमिताभ बच्चन ने फिल्म में गंगा, मीनाक्षी ने जमुना तथा जया प्रदा ने सरस्वती का किरदार निभाया था. फिल्म अपने समय की बड़ी फ्लॉप साबित हुई. मनमोहन देसाई और अमिताभ की जोड़ी के कारण लोगों को इससे बड़ी सफलता की उम्मीद थी. कम लोग जानते हैं कि इस फिल्म के लिए पहले अमिताभ बच्चन, ऋषि कपूर तथा जितेंद्र को कास्ट किया गया था. कादर खान ने फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी थी. लेकिन मनमोहन देसाई तथा कादर खान के बीच अनबन होने के बाद फिल्म की स्क्रिप्ट से लेकर स्टार कास्ट सब कुछ बदल दिया गया. यहां तक कि फिल्म का नाम भी.

दोहरानी थी सफलता
जब 1985 में जब फिल्म बनाने की घोषणा की गई थी, तब इसका नाम अमर अकबर एंथोनी पार्ट 2 रखा गया था. मनमोहन देसाई अपनी 1977 वाली अमर अकबर एंथोनी की सफलता को दोहराना चाहते थे. अमिताभ बच्चन गंगाराम का, जितेंद्र जमुनादास का तथा ऋषि कपूर सरस्वतीचंद्र का कैरेक्टर निभाने वाले थे. लेकिन किसी कारण से जितेंद्र ने फिल्म छोड़ दी और उनकी जगह मिथुन चक्रवर्ती आ गए. बाद में फिल्ममेकर्स ने बाद में स्क्रिप्ट, नाम सब कुछ बदलने का फैसला ले लिया. ऋषि कपूर का फिल्म में कोई रोल नहीं रह गया. उन्हें फिल्म से बिना बताए बाहर कर दिया गया. जिसका उन्हें काफी दुख हुआ क्योंकि उनके मनमोहन देसाई से काफी अच्छे संबंध थे.

हो गया कनफ्यूजन
फिल्म के फ्लॉप होने का सबसे बड़ा कारण कमजोर स्क्रिप्ट थी. भले ही फिल्म सितारों से भरी थी लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट कहानी की हवा निकाल दी. फिल्म के टाइटल को लेकर भी लोगों में असमंजस था. फिल्म में दो हीरो तथा दो हीरोइनें थी. लेकिन टाइटल में सिर्फ तीन थे. निर्देशक मनमोहन देसाई को पूरा भरोसा था कि ओरीजनल स्क्रिप्ट को उथल-पुथल करने के बाद भी फिल्म चलेगी क्योंकि वह अमिताभ बच्चन को लेकर कई हिट फिल्में बना चुके थे. देसाई का मानना था कि दर्शक सिर्फ अमिताभ के कारण फिल्म देखने आते हैं. सो, उन्होंने अमिताभ की बराबरी में दो हीरोइनों को रख दिया. मगर दर्शकों को बात जमी नहीं. मनमोहन देसाई द्वारा निर्देशित यह आखिरी फिल्म थी. इसके बाद उनके द्वारा प्रोड्यूस की गई फिल्मों तूफान तथा अनमोल को उनके बेटे केतन देसाई ने निर्देशित किया. दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुईं.

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