Teacher's Day Special: कुमार का वो अनौपचारिक स्कूल, जिसे वे "द फ्री स्कूल अंडर द ब्रिज" के नाम से बुलाते हैं, वह यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन (Yamuna Bank Metro Station) के पास ओवरहेड ट्रैक के नीचे संचालित होता है. यहां इस क्षेत्र में खेती-बाड़ी के काम में लगे लोगों के बच्चे इस स्कूल में रोजाना पढ़ने आते हैं.
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Teacher's Day Special: आज हम टीचर्स डे (Teacher's Day 2022) के मौके पर आपके सामने 52 साल के राजेश कुमार की कहानी लेकर आए हैं, जो करीब पिछले 15 सालों से दिल्ली में एक फ्लाईओवर के नीचे स्कूल न जाने वाले बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
द फ्री स्कूल अंडर द ब्रिज
कुमार का वो अनौपचारिक स्कूल, जिसे वे "द फ्री स्कूल अंडर द ब्रिज" (The Free School Under The Bridge) के नाम से बुलाते हैं, वह यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन (Yamuna Bank Metro Station) के पास ओवरहेड ट्रैक के नीचे संचालित होता है. यहां इस क्षेत्र में खेती-बाड़ी के काम में लगे लोगों के बच्चे इस स्कूल में रोजाना पढ़ने आते हैं.
महज 60 बच्चों के साथ की थी शुरुआत
बता दें इस स्कूल की शुरुआत साल 2007 में महज 60 बच्चों के साथ हुई थी. जब शिक्षक राजेश कुमार ने यह पहल शुरू की थी, तब उनका ध्यान वहां पढ़ने के लिए आने वाले गैर-नामांकित छात्रों को अच्छी शिक्षा देने और उन्हें पास के शकरपुर क्षेत्र के सरकारी स्कूल में एडमिशन दिलाने पर था.
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अन्य टीचर्स भी पहल से जुड़े
आज राकेश द्वारा चलाए जा रहे "द फ्री स्कूल अंडर द ब्रिज" नामक स्कूल में सुबह की शिफ्ट में करीब 250 छात्र और 150 छात्राएं हैं, जो रोजाना यहां पढ़ने के लिए आती हैं. वहीं दोपहर की शिफ्ट में करीब 100 लड़के यहां पढ़ते हैं. कुमार बताते हैं कि, "जब मैंने शुरुआत की थी, तो टीचर के तौर पर अकेला सिर्फ मैं था, लेकिन आज चार अन्य शिक्षक भी हमसे जुड़ गए हैं, जो अपनी इच्छा से यहां पढ़ रहे छात्रों को फ्री शिक्षा दे रहे हैं.
इस साल 40 बच्चों को स्कूलों में मिला एडमिशन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां पढ़ रहे बच्चों को अभी भी मुख्यधारा के स्कूलों में उनकी उम्र के मुताबिक उपयुक्त कक्षा में शामिल करने के लिए तैयार किया जा रहा है. इस साल लगभग 40 बच्चों को नियमित स्कूलों में एडमिशन दिया गया है.