Sharon Raj Murder Case: प्रेमी को जहरीला जूस देकर मारा था... फिर गूगल क्लाउड ने उगला सबूत
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Sharon Raj Murder Case: प्रेमी को जहरीला जूस देकर मारा था... फिर गूगल क्लाउड ने उगला सबूत

Sharon Raj murder case: मोहब्बत और जंग में सब जायज है. ये मिसाल पुरुषों के गलत/अनैतिक कदमों को कवरअप करने के लिए दी जाती है. लेकिन केरल के शेरोन राज मर्डर केस में प्रेमिका ग्रेस्मा ने पार्टनर को मारने के लिए जो तरीका अपनाया उसकी पोल गूगल ने कैसे खोल दी, आइए बताते हैं. 

Sharon Raj Murder Case: प्रेमी को जहरीला जूस देकर मारा था... फिर गूगल क्लाउड ने उगला सबूत

Google Cloud helped in Sharon Raj murder case: प्यार हो या लिव-इन, उसका पता चलते ही समाज के ठेकेदार लड़के-लड़की का कैरेक्टर सर्टिफिकेट बांचने लगते हैं. फेमिनिस्ट लोग लड़की की और मेल डॉमिनेरिंग लड़के की गलती बताते हैं. ये लोग चटखारे लेकर दोनों के संबंधों का पोस्टमार्टम करते हैं. इस प्रष्ठभूमि के बीच केरल के शेरोन मर्डर केस में 3 साल बाद जब प्रेमिका ग्रीष्मा को मौत की सजा सुनाई गई तो उसके पीछे की कहानी और सबूत देखकर कोर्ट में मौजूद हर शख्स हैरान रह गया.

सजा कम करने की मांग- लव स्टोरी बन गई हेट स्टोरी

हालांकि हत्या की दोषी लड़की ने अदालत से अपनी अकैडमिक उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए, सजा कम करने की मांग की थी, लेकिन उसकी दलीलों से कोर्ट का दिल नहीं पसीजा. 

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तमिलनाडु के कन्याकुमारी की मूल निवासी ग्रीष्मा की मुलाकात तमिलनाडु-केरल सीमा पर स्थित परसाला सिटी निवासी शेरोन से साल 2021 में हुई थी. दोनों एक दिन बस में साथ जा रहे थे. ग्रीष्मा तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के एक निजी कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी. मृतक शेरोन बीएससी रेडियोलॉजी के अंतिम वर्ष का छात्र था. कोर्ट में पेश दस्तावेजों के मुताबिक, पहली नजर में कुछ-कुछ हुआ और दोनों में प्यार का रिश्ता बन गया. उनकी लव स्टोरी के बारे में लंबे समय तक दोनों के परिवारों को भनक तक नहीं लगी.

करीब साल भर बाद ग्रीष्मा के परिवारवालों ने मार्च 2022 में उसकी सगाई एक सेना के जवान से कर दी. इसके बाद ग्रीष्मा, जो अभी तक शेरोन के प्यार में पागल थी उसने फैमिली के दबाव अपने फ्यूचर के बारे में सोचते हुए शेरोन से कन्नी काटनी शुरू की. वो उससे दूर रहना चाहती थी क्योंकि उसके पास नौकरी नहीं थी.

दोनों के धर्म अलग थे

शेरोन और ग्रीस्मा अलग-अलग समुदायों से थे. ग्रीष्मा अपर कास्ट हिंदू थी. जबकि शेरोन पिछड़े वर्ग में आने वाले ईसाई नादर समुदाय से था. शेरोन मर्डर केस के आईओ यानी जांच करने वाले पुलिसकर्मी के जे जॉनसन ने बताया, 'मैंने 2022 में जांच का नेतृत्व किया. उस दौरान ये ऐसा ब्लैंक केस था जिसका कोई शिरा नहीं मिल रहा था.

जैसै जैसे जांच बढ़ी तो पता चला कि शेरोन के मर्डर की प्लानिंग से पहले ग्रीष्मा ने शेरोन को छोड़ने के लिए कई तरकीबें आजमाई थीं, यहां तक ​​कि उसने शेरोन से ये झूठ भी बोला कि उसकी कुंडली के अनुसार उसका पहला पति मर जाएगा. लेकिन शेरोन ने उसकी किसी भी कहानी पर भरोसा नहीं किया वो शादी करने का दबाव बना रहा था. इसके बाद ग्रीस्मा को ये डर लगा कि कहीं वो उसके अंतरंग पलों के वीडियो और फोटोज लीक कर सकता है. ऐसे में उसने शेरोन से छुटकारा पाने के लिए उसे ठिकाने लगाने का प्लान बनाया.

गूगल क्लाउड ने उगला सबूत

ग्रीस्मा पढ़ी लिखी थी. उसने शेरोन को रास्ते से हटाने के लिए पैरासिटामोल के साइड इफेक्ट्स पर बहुत सारा गूगल सर्च किया. उसने कथित तौर पर शेरोन को कन्याकुमारी के नेयूर स्थित अपने कॉलेज में मिलने बुलाया. रिपोर्ट्स के मुताबिक शेरोन वहां गया तो प्लानिंग के तहत ग्रीस्मा ने उसके जूस की बोतल में 50 पैरासिटामोल की गोलियां रखकर उसे जूस पीने की चुनौती दी. शेरोन ने एक घूंट पिया लेकिन कड़वा होने की वजह से उसने उसे पीने से मना कर दिया. इस चैलेंज से जुड़ा उसने एक वीडियो भी शूट किया.

13 अक्टूबर, 2022 की देर रात ग्रीष्मा ने शेरोन से करीब घंटेभर फोन पर बात करके उसे अगले दिन अपने घर बुलाया. शेरोन अपने फ्रेंड रेजिन के साथ उसके घर गया, जो आखिर में इस मामले का गवाह बन गया. तब तक वो 'पैराक्वाट' नाम के केमिकल के बारे में पता लगाकर उसका इंतजाम कर चुकी थी. ये काफी जहरीला रसायन होता है, इसे  'स्लो पाइजन' कहा जाता है. इसका इस्तेमाल सब्जियों की पैदावार में कीटनाशक के तौर पर किया जाता है.

आखिरी वार की कहानी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीस्मा ने कपिक हर्बिसाइड खरीदा. उसमें भी पैराक्वाट होता है. जिसे उसके किसान चाचा निर्मलकुमारन नायर ने अपने घर पर रखा था. अदालत के अनुसार, ग्रीस्मा ने उस लिक्विड में 'कसायम' नामक एक आयुर्वेदिक मिश्रण मिलाया और शेरोन को इसे एक लाइव चैलैंज देते हुए पीने का दबाव बनाया. इस बार उसने केमिकल की कड़वाहट दूर करने के लिए उसमें जूस मिला दिया. कोर्ट में पता चला कि जहरीली ड्रिंक पीने के कुछ देर बाद शेरोन चला जाता है.

थोड़ी देर बाद वो ग्रीस्मा को फोन करता है. फिर कहा जाता है कि शेरोन ने शराब पी ली, जिससे उसे उल्टी होने लगी, उसे स्थानीय अस्पताल में इलाज कराना पड़ा. आराम नहीं आया तो उसे तिरुवनंतपुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया. जांचकर्ताओं के मुताबिक, ग्रीष्मा ने शेरोन को फोन किया कि उसे भी उल्टी हुई है, इसलिए डरकर कोई कोई दवा लेने या इलाज कराने की जरूरत नहीं है. इस बीच जहर काम कर चुका था. शेरोन ने दम तोड़ दिया.

अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'शेरोन ने 11 दिनों तक बिना पानी पिए अपनी ज़िंदगी के लिए संघर्ष किया. मामले की जांच कर रही पुलिस टीम  के लिए ये केस बड़ी चुनौती था. इस मामले का कोई चश्मदीद गवाह नहीं था. लिहाजा पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए डिजिटल साक्ष्यों के मिश्रण का उपयोग करके क्राइम सीन पर पड़ताल की. Google क्लाउड की पड़ताल हुई, डेटा खंगाला गया, शेरोन और ग्रीष्मा दोनों के मोबाइल फोन की लोकेशन सर्च की गई. उनके कॉल रिकॉर्ड और व्हाट्सएप चैट, सीसीटीवी फुटेज और वीडियो कॉल चेक हुईं. आगे फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट आई.

मौत की सजा... और जुर्माना

कड़ी दर कड़ी जोड़ते हुए सामने आए सबूतों के बाद अदालत ने इसे जानबूझकर किया गया कोल्ड ब्लडेड मर्डर (cold-blooded murder) करार दिया. ग्रीस्मा ने कई दिनों तक विभिन्न ज़हरों और मानव शरीर पर उनके प्रभाव के बारे में व्यापक इंटरनेट खोजों के साथ सावधानीपूर्वक पूरा मर्डर प्लान बनाया. गूगल ने संबंधित तारीखों के दौरान ग्रीस्मा की पड़ताल और डाटा को पुलिस के सामने रखा तो मामले का खुलासा हुआ. जिसके बाद केरल की जिला अदालत ने 24 साल की ग्रीष्मा को प्रेमी शेरोन राज की हत्या करने के लिए फांसी की सजा सुनाई. सेशन कोर्ट ने ग्रीष्मा पर 3.5 लाख का जुर्माना भी लगाया.

कोर्ट ने ग्रीष्मा के मामा निर्मलाकुमारन नायर को सबूत नष्ट करने के लिए 3 साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. 586 पेज के अपने फैसले को सुनाते हुए कोर्ट ने कहा, 'इस बेहद क्रूर, अमानवीय और घिनौने' केस ने समाज के सामूहिक विवेक को झकझोर दिया है.'

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