कई बार होता है कि एक ही लड़की से दो लोग प्यार कर बैठते हैं और उसका अंत बेहद खतरनाक होता है. एक ऐसा ही मामला चेन्नई का है, जहां एक ही लड़की के दो दीवाने थे, दोनों के झगड़ों के बीच अचानक लड़की सुबह मुर्दा हालत में मिलती है और अब 10 साल तक भी इस मामले की गुत्थी नहीं सुलझी
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Love Triangle: एक लड़की और उसके चाहने वाले दो..., वफादारी की अनकही ये लड़ाई तब तक सुलगती रही जब तक कि 19 साल की इंजीनियरिंग छात्रा सुमित्रा ने 14 जुलाई 2014 को तमिलनाडु के कट्टनकुलथुर शहर में अपनी जान नहीं ले ली. इस दुखद घटना के बाद सुमित्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दो युवकों—उसके मंगेतर एम आनंदन और दोस्त के इलैयाराजा पर केस चला. लगभग 10 साल तक चले इस कानूनी संघर्ष के बाद 10 फरवरी 2024 को सबूतों के अभाव में दोनों को बरी कर दिया गया.
सुमित्रा एक प्राइवेट कॉलेज की फर्स्ट इयर की स्टूडेंट थी. उसके माता-पिता ने उसे उसके रिश्तेदार और सहपाठी आनंदन से शादी के लिए मंगनी कर दी थी, लेकिन कोई और भी था जो उससे शादी करना चाहता था. छात्रा का एक पड़ोसी और उसका पुराना दोस्त है इलैयाराजा है जिसने उसे शादी के लिए प्रस्ताव दिया. सुमित्रा ने उसका प्रस्ताव ठुकरा दिया लेकिन दोस्ती बनाए रखी, जिससे दोनों युवकों के बीच तनाव बढ़ गया.
13 जुलाई की रात कॉलेज के पास आनंदन और इलैयाराजा के बीच गरमागरम बहस हुई, जिसे राहगीरों ने रोका. उसी रात, दोनों ने सुमित्रा को बार-बार फोन कर एक-दूसरे से संबंध तोड़ने के लिए कहा. यह कॉल कथित तौर पर आधी रात से सुबह 6 बजे तक चलते रहे. अगले दिन सुबह सुमित्रा अपने कमरे में मुर्दा पाई गई.
पुलिस ने जांच कर दोनों युवकों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया, लेकिन चेंगलपट्टू महिला कोर्ट में मुकदमे के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत गायब पाए गए. सुमित्रा के पिता ने अपनी शिकायत में कहा,'मुझे नहीं पता कि मेरी बेटी ने आत्महत्या क्यों की, जिससे अभियोजन पक्ष का तर्क कमजोर पड़ गया.'
सुमित्रा की करीबी दोस्त वैशाली, जो मुख्य गवाह थी ने अदालत में कहा कि सुमित्रा ने कभी यह नहीं बताया कि उसे किसी ने प्रताड़ित किया. इसके अलावा अभियोजन पक्ष दोनों युवकों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) भी पेश नहीं कर पाया, जिससे यह साबित होता कि उन्होंने सुमित्रा पर फोन पर दबाव डाला था.
सबूतों की कमी की वजह से अदालत ने फैसला सुनाया कि आरोप साबित नहीं हो सके और दोनों आरोपियों को बरी कर दिया. हालांकि अदालत ने न्यायालय के बाहर उस घर में जहां कभी बेटी की हंसी गूंजती थी, एक सवाल आज भी अधूरा रह गया कि उस रात सच में क्या हुआ था?