UPSC Success Story: सिक्योरिटी गार्ड का बेटा बन गया सरकार में बड़ा अफसर, पढ़िए IRS बनने की पूरी कहानी
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UPSC Success Story: सिक्योरिटी गार्ड का बेटा बन गया सरकार में बड़ा अफसर, पढ़िए IRS बनने की पूरी कहानी

Success Stories: 4 भाई-बहनों में कुलदीप पढ़ाई में सबसे होशियार थे. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से साल 2009 में ग्रेजुएशन किया. साल 2011 में पोस्टग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू की.

UPSC Success Story: सिक्योरिटी गार्ड का बेटा बन गया सरकार में बड़ा अफसर, पढ़िए IRS बनने की पूरी कहानी

IRS Kuldeep Dwivedi: निस्संदेह, भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा है, जो सफल होने और आईएएस अधिकारी बनने की उम्मीद में हर साल लाखों आवेदकों को आकर्षित करती है. फैक्ट यह है कि आवेदन करने वाले लाखों में से केवल कुछ उम्मीदवार ही यूपीएससी परीक्षा पास करने और आईएएस अधिकारी बनने में सफल होते हैं, जो परीक्षा के हाई लेवल के बारे में बहुत कुछ बताता है.

यहां हम कुलदीप द्विवेदी के बारे में बात कर रहे हैं जिन्होंने 2015 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 242 हासिल की थी. बचपन से ही खराब आर्थिक परिस्थितियों के बीच पले-बढ़े कुलदीप द्विवेदी ने कभी किसी को समस्या उसकी सफलता के रास्ते में आती है.

आईआरएस कुलदीप द्विवेदी उत्तर प्रदेश के निगोह जिले के एक छोटे से गांव शेखपुर के रहने वाले हैं. उनके पिता सूर्यकांत द्विवेदी लखनऊ विश्वविद्यालय में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते हैं. वह परिवार में इकलौते कमाने वाले सदस्य हैं, उसकी सैलरी महज 1100 रुपए थी. बच्चों को पढ़ाने के लिए सूर्यकांत दिन में खेतों में काम करने लगे.

4 भाई-बहनों में कुलदीप पढ़ाई में सबसे होशियार थे. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से साल 2009 में ग्रेजुएशन किया. साल 2011 में पोस्टग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू की. इलाहाबाद में रहकर उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी. तब उनके पास मोबाइल नहीं था और वह पीसीओ के जरिए घरवालों से बात करता था.

कुलदीप द्विवेदी ने साल 2015 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी. वह अपने पहले अटेंप्ट में 242वीं रैंक (आईआरएस कुलदीप द्विवेदी रैंक) के साथ सफल हुए थे. उनकी ट्रेनिंग अगस्त 2016 में नागपुर में शुरू हुई थी. कुलदीप ने यूपीएससी परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं ली. वह दूसरे परीक्षार्थियों से किताबें उधार लेकर सेल्फ स्टडी करते थे.

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