'इक होर अश्वत्थामा' पुस्तक को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024, लेखक का निधन तो किसे मिलेंगे 1,00,000 रुपये?
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'इक होर अश्वत्थामा' पुस्तक को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024, लेखक का निधन तो किसे मिलेंगे 1,00,000 रुपये?

Akademi Award 2024 ikk Hor Ashwatthama: यह पुरस्कार, पुरस्कार प्राप्तकर्ता के परिवार के सदस्य/ नामांकित व्यक्ति को आठ मार्च 2025 को यहां एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा.

 

'इक होर अश्वत्थामा' पुस्तक को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024, लेखक का निधन तो किसे मिलेंगे 1,00,000 रुपये?

Late Chaman Arora, Sahitya Akademi Award 2024: दिवंगत चमन अरोड़ा को डोगरी में साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है. सरकार ने घोषणा की कि उन्हें उनकी पुस्तक ‘इक होर अश्वत्थामा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है. संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पुस्तक का चयन तीन सदस्यों वाली निर्णायक समिति द्वारा निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं के मुताबिक की गई सिफारिश के आधार पर किया गया. किताब का चयन सर्वसम्मति से किया गया.

साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने दिवंगत चमन अरोड़ा को डोगरी में उनकी पुस्तक ‘इक होर अश्वत्थामा’ (लघु कथाएं) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 को मंजूरी दी है. पुरस्कार एक कास्केट में दिया जाएगा जिसमें एक उत्कीर्ण ताम्र-पट्टिका होगी और 1,00,000 रुपये का भुगतान होगा. यह पुरस्कार, पुरस्कार प्राप्तकर्ता के परिवार के सदस्य/ नामांकित व्यक्ति को आठ मार्च 2025 को यहां एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा.

साल 2024 के साहित्य अकादमी पुरस्कार में हिन्दी भाषा के लिए कवयित्री गगन गिल को सम्मानित किया गया था. उन्हें यह पुरस्कार उनकी रचना 'मैं जब तक आई बाहर' के लिए मिला. वहीं, अंग्रेज़ी भाषा के लिए ईस्टरिन किरे को यह पुरस्कार मिला.

किसे और क्यों मिलता है सम्मान?
अकादमी हर साल अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त चौबीस भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के लिए पुरस्कार प्रदान करती है, साथ ही इन्हीं भाषाओं में परस्पर साहित्यिक अनुवाद के लिए भी पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं. ये पुरस्कार साल भर चली स्क्रूटनी, डिस्कशन और सेलेक्शन के बाद घोषित किए जाते हैं.

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अकादमी उन भाषाओं के क्षेत्र में अहम योगदान करने वालों को 'भाषा सम्मान' से विभूषित करती है, जिन्हें औपचारिक रूप से साहित्य अकादमी की मान्यता प्राप्त नहीं है. यह सम्मान 'क्लासिकल एवं मध्यकालीन साहित्य' में किए गए योगदान के लिए भी दिया जाता है. अकादमी प्रतिष्ठित लेखकों को महत्तर सदस्य और मानद महत्तर सदस्य चुनकर सम्मानित करती है. आनंद कुमारस्वामी और प्रेमचंद के नाम से एक 'फ़ेलोशिप' की स्थापना भी की गई है.

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