CBIC GST Circular: बैंकों और एनबीएफसी की तरफ से लगाई जाने वाली पेनाल्टी पर जीएसटी से छूट देने से ग्राहक और बैंक दोनों को राहत मिलेगी. इसके अलावा सीबीआईसी ने 2000 रुपये से कम के ट्रांजेक्शन पर भी राहत दी है.
Trending Photos
GST On Penalty Charges: अगर आपके लोन की ईएमआई लेट हुई या फिर क्रेडिट कार्ड का पेमेंट लेट हुआ तो बैंक और एनबीएफसी (NBFC) की तरफ से पेनाल्टी लगाई जाती है. उदाहरण के लिए आपके ऊपर 1000 रुपये की पेनाल्टी लगी तो आपको इस पर 180 रुपये जीएसटी का भुगतान करना होता था. लेकिन अब यह नियम बदल गया है. जी हां, सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टमस (CBIC) ने कहा कि बैंकों और एनबीएफसी (NBFC) की तरफ से लगाए जाने वाले पेनाल्टी पर जीएसटी (GST) नहीं लगेगा. जुर्माना से मतलब यह है कि यदि आपने किसी नियम का उल्लंघन किया है तो आपको ऐसे में एक्सट्रा पैसा देना पड़ता है.
2000 रुपये तक के ट्रांजेक्शन पर जीएसटी नहीं
इसके अलावा सीबीआईसी (CBIC) ने एक सर्कुलर से यह भी साफ किया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पेमेंट एग्रीगेटर्स के जरिये 2,000 रुपये तक के ट्रांजेक्शन पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. सीबीआईसी (CBIC) की तरफ से साफ किया गया कि पेनाल्टी की राशि पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. सीबीआईसी ने कहा कि यह फैसला 55वीं जीएसटी काउंसिल की सिफारिश के अनुसार लिया गया है. जीएसटी काउंसिल में केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.
कब लगता है जुमार्ना
बैंकों और एनबीएफसी (NBFC) की तरफ से आपके लोन की ईएमआई या क्रेडिट कार्ड का पेमेंट लेट होने पर पेनाल्टी लगाई जाती है. यह पेनाल्टी उस समय लगाई जाती है जब आप नियम का पालन नहीं करके समय से लोन की किस्त भुगतान नहीं कर पाते. इस स्थिति में बैंक ग्राहक पर पेनाल्टी लगाते हैं. अब तक पेनाल्टी की इस राशि पर कस्टमर को 18 प्रतिशत की जीएसटी भी देनी होती है. सीबीआईसी के इस फैसले से बैंक और ग्राहकों दोनों को राहत मिलेगी.
क्या होगा फायदा?
जानकारों का कहना है कि सीबीआईसी (CBIC) का यह फैसला काफी अहम है. इससे बैंकों और ग्राहकों के बीच होने वाले विवादों को कम करने में भी मदद मिलेगी. इस फैसले से बैंकों की तरफ से लगाए जाने वाले जुर्माने पर जीएसटी नहीं लगेगा. इसका फायदा मॉनीटरी तौर पर बैंक और ग्राहक दोनों को होगा.
2000 रुपये से कम की शॉपिंग पर भी फायदा
इसके अलावा कुछ लोगों और कंपनियों की तरफ से शिकायत में कहा गया कि यदि कोई शख्स क्रेडिट या डेबिट कार्ड या किसी अन्य कार्ड के जरिये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये 2000 रुपये से कम की कोई चीज खरीदता है, तो उस पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए. इन शिकायतों को देखते हुए सीबीआईसी की तरफ से मामले पर स्पष्टीकरण दिया गया. पेमेंट एग्रीगेटर्स ई-कॉमर्स साइट और व्यापारियों को ग्राहकों से पैसे लेने में मदद करती हैं. इन दुकानों को खुद कोई अलग सिस्टम बनाने की जरूरत नहीं पड़ती है.
ये कंपनियां ग्राहकों से पैसे लेकर उन्हें इकट्ठा करती हैं. इसके बाद तय समय पर दुकानदारों के अकाउंट में भेज देती हैं. सीबीआईसी ने आरबीआई (RBI) के नियमों का भी जिक्र किया है. इन नियमों में पेमेंट एग्रीगेटर्स (PAs) और पेमेंट गेटवे के बीच अंतर बताया गया है. सीबीआईसी ने साफ किया कि अगर यदि व्यक्ति क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या किसी अन्य कार्ड का यूज करके किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 2000 रुपये से कम की शॉपिंग करता है तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा. यह छूट ऐसे पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA) को ही मिलेगी जो आरबीआई (RBI) के नियमों के तहत काम करते हैं.