Coca Cola: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जुबिलेंट ग्रुप की तरफ से कोका-कोला की भारतीय यूनिट में हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी कर रही है. इसके जरिये जुबिलेंट ग्रुप तेजी से बढ़ते बेवरेजेस मार्केट में अपने कदम जमाने की कोशिश कर रहा है.
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Jubilant Group Coca-Cola Deal: पिज्जा चेन से लेकर दवाओं तक के कारोबार में एक्टिव जुबिलेंट ग्रुप (Jubilant Group) कोका-कोला (Coca-Cola) की इंडियन यूनिट में 40% हिस्सेदारी हासिल करने को तैयार है. इसकी डील की कीमत करीब 12,500 करोड़ रुपये है. करार को अंतिम रूप देने के लिए जुबिलेंट का प्लान म्यूचुअल फंड, हायर-नेटवर्थ वाले लोगों (HNI) और रिटेल इनवेस्टर से पैसा जुटाने का है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दिनों जुबिलेंट ग्रुप के प्रमोटर भरतिया फैमिली ने जुबिलेंट बेवरेजेस लिमिटेड के माध्यम से इस हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के बारे में जानकारी दी.
घरेलू बाजारों से पैसा जुटाने का प्लान
अधिग्रहण करने का मकसद हिंदुस्तान कोका-कोला होल्डिंग्स (एचसीसीएच) है, जो हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड की पैरेंट कंपनी है और देश की सबसे बड़ी कोका-कोला बॉटलर है. जुबिलेंट ने अमेरिका स्थित गोल्डमैन सैक्स से 12,500 करोड़ रुपये (करीब 1.45 अरब डॉलर) की लोन लिमिट हासिल कर ली है. ग्रुप वित्तीय दबाव को कम करने के लिए घरेलू बाजारों से अतिरिक्त धन जुटाने की योजना बना रहा है.
4 से पांच हजार करोड़ रुपये जुटाये जाने की उम्मीद
बताया गया कि गोल्डमैन सैक्स की तरफ से इस करार को अंडरराइट करने की पेशकश की गई. हालांकि, करार जुबिलेंट प्रमोटरों को अन्य फंडिंग सोर्स का पता लगाने की अनुमति देता है. जुबिलेंट का इरादा घरेलू ऋणदाताओं, म्यूचुअल फंड, एचएनआई और फैमिली ऑफिस में टैप करके लोन और इक्विटी के मिश्रण के जरिये 4,000-5,000 करोड़ रुपये जुटाने का है. घरेलू स्तर पर जुटाए गए किसी फंड से गोल्डमैन सैक्स से लिये जाने वाले वालोन की राशि कम हो जाएगी.
जुबिलेंट ग्रुप के लिए यह डील काफी अहम है क्योंकि यह देश के वेबरेज मार्केट में अपने कारोबार का एक्सपेंशन करने की उनकी रणनीति के अनुरूप है. यह डील जुबिलेंट को कोका-कोला के सबसे बड़े ग्लोबल मार्केट में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा. आपको बता दें इससे पहले जुलाई 2023 में शापूरजी पालोनजी ग्रुप (SP Group) ने 14300 करोड़ रुपये जुटाया था.