Electoral bonds: राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉण्ड पेश किया गया था. चुनावी बॉण्ड की पहली बिक्री मार्च 2018 में हुई थी.
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Electoral bonds: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन करते हुए मंगलवार शाम को इलेक्शन कमीशन को चुनावी बॉन्ड की जानकारी सौंपा हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक को 12 मार्च को कामकाजी समय खत्म होने तक इलेक्शन कमीशन को चुनावी बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने का आदेश दिया था.
कोर्ट के आदेश के मुताबिक, इलेक्शन को 15 मार्च शाम पांच बजे तक बैंक के जरिए साझा की गई जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी होगी. जराए के मुताबिक, भारतीय स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए चुनावी बॉण्ड की जानकारी, इलेक्शन कमीशन को सौंप दिया है. एसबीआई ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्त में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड जारी किए हैं.
SBI ने मांगा था 30 जून तक का वक्त
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द करते हुए इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार दिया और इलेक्शन कमीशन को दानदाताओं, उनके और प्राप्तकर्ताओं के जरिए दान की गई राशि का खुलासा करने का आदेश दिया है. भारतीय स्टेट बैंक ने जानकारी का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा था. हालांकि, कोर्ट ने बैंक की याचिका खारिज कर दी और उसे मंगलवार को कामकाजी समय समाप्त होने तक सभी विवरण निर्वाचन आयोग को सौंपने को कहा था.
चुनावी बॉण्ड की पहली बिक्री में हुई थी
राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉण्ड पेश किया गया था. चुनावी बॉण्ड की पहली बिक्री मार्च 2018 में हुई थी. इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत बैंक खाते के माध्यम से भुनाए जाने थे और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) इन बॉण्ड को जारी करने के लिए एकमात्र अधिकृत बैंक है.