Saudi Arabia: ट्रंप के प्रस्ताव के बाद सऊदी अरब समेत 8 मुस्लिम देशों ने मीटिंग की है. इस मीटिंग का मकसद गाजा में डेवलपमेंट करना था. बता दें, ट्रंप पहले ऐसा प्रस्ताव दे चुके हैं जो किसी को पसंद नहीं आया था.
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Saudi Arabia: सऊदी अरब की राजधानी रियाद में मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर, कुवैत और बहरीन के नेताओं की मीटिंग हुई है. इस दौरान उन्होंने फिलिस्तीनी मुद्दे और गाजा पट्टी हो रहे डेवलपमेंट पर बातचीत की है. इस बात की जानकारी आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी ने दी है.
हालांकि रिपोर्ट में इस बैठक को "परामर्शी भाईचारे वाली बैठक" बताया गया है. लेकिन इस मीटिंग के बारे में डिले में जानकारी नहीं दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार को हुई इस बातचीत में सीजफायर के बाद गाजा को दोबारा तामीर करने पर फोकस किया गया है.
इस मीटिंग के होने की अहम वजह ट्रंप भी माने जा रहे हैं, जिन्होने फिलिस्तीनियों को एन्क्लेव से शिफ्ट करने और इसे "मिडिल ईस्ट के रिवेरा" में बदलने का प्रस्ताव रखा था. इस मीटिंग मकसद ट्रंप के इस प्रस्ताव का मुकाबला करना भी था. जिसे अरब देशों ने व्यापक रूप से खारिज कर दिया था. सऊदी विदेश नीति के विशेषज्ञ उमर करीम ने इस समिट को फिलिस्तीनी मुद्दे के लिए बेहद अहम करार दिया है.
ट्रम्प के इस बयान ने वर्ल्ड वाइड गुस्से को जन्म दिया है. ट्रंप का प्रस्ताव है कि 2.4 मिलियन फिलिस्तीनियों को गाजा से निकाल कर मिस्र और जॉर्डन में शिफ्ट किया जाए. इसके साथ ही ट्रंप ने धमकी भी की अगर ये देश इसके लिए मना करते हैं तो उनकी सहायता को रोक दिया जाएगा.
एसपीए के मुताबिक, यह बैठक सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद के बुलाने पर हो रही है, और इसमें जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला सेकेंड, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सीसी, यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, बहरीन के क्राउन प्रिंस सलमान बिन हमद अल खलीफा और कुवैती अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा शामिल हुए थे.