India on Turkey President: तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने कश्मीर के मुद्दे पर कमेंट किया है. जिस पर विदेश मंत्रालय ने रिएक्ट किया है और एर्दोगान को करारा जवाब दिया है.
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India on Turkey President: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने कुछ ऐसा कहा है कि जिससे भारत नाराज नजर आ रहा है. बता दें, एर्दोगान पाकिस्तान के दौरे पर हैं और उन्होंने इस दौरान कश्मीर के मुद्दे को उठाया है. हालांकि भारत ने इस बयान की निंद की है और एर्दोगान के कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुसार सुलझाने को सिरे से खारिज कर दिया है.
विदेश मंत्रालय ने एर्दोआन के इस कमेंट को अस्वीकार्य बताया है और कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, "हम भारत के लिए शाश्वत मामलों पर ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं. हमने तुर्की के राजदूत के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया है. भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर इस तरह के अनुचित बयान अस्वीकार्य हैं. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है."
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया एर्दोआन की टिप्पणी के एक हफ्ते बाद आई है. उन्होंने यह कमेंट इस्लामाबाद के उनके सफर के दौरान किया था, जहां उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की थी. एर्दोगान लगभग दो सालों तक कश्मीर मुद्दे पर अपनी बात पर अड़े रहे हैं.
13 फरवरी को तुर्की के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में कहा था कि कश्मीर मुद्दे का हल भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के जरिए किया जाना चाहिए. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था, "कश्मीर मुद्दे को बातचीत के ज़रिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के मुताबिक और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए हल किया जाना चाहिए. हमारा राज्य और हमारा देश, अतीत की तरह, आज भी हमारे कश्मीरी भाइयों के साथ एकजुटता में खड़ा है."
उनके कमेंट्स पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि एर्दोआन को भारत के आंतरिक मुद्दों पर टिप्पणी करने के बजाय भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने की पाकिस्तान की नीति पर ध्यान फोकस करना चाहिए था.
जायसवाल ने कहा, "किसी दूसरे देश के आंतरिक मामलों पर कमेंट करने के बजाय, यह बेहतर होता कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की नीति, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा बनी हुई है, पर रोशनी डालते."