Trump के गाजा पर कब्जे वाले बयान से नाखुश हुआ सऊदी अरब? करेगा समिट
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Trump के गाजा पर कब्जे वाले बयान से नाखुश हुआ सऊदी अरब? करेगा समिट

Trump Gaza Takeover plan: डोनाल्ड ट्रंप के गाजा को टेकओवर करने के प्लान को लेकर सऊदी अरब समिट करने वाला है. इस समिट में चार मुस्लिम देश शामिल होने वाले हैं.

Trump के गाजा पर कब्जे वाले बयान से नाखुश हुआ सऊदी अरब? करेगा समिट

Trump Gaza Takeover plan: सऊदी अरब 20 फरवरी को चार अरब देशों के नेताओं के साथ एक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जिसमें गाजा पर अमेरिकी कंट्रोल के लिए डोनाल्ड ट्रम्प के प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी, तैयारियों की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी है.

ट्रंप के प्रस्ताव से क्या नाखुश है सऊदी अरब?

दरअसल ट्रंप चाहते हैं कि गाजा को खाली कर दिया जाए और वहां रहने वाले लोगों को दूसरे मुस्लिम देशों में शिफ्ट किया जाए. इस प्रस्ताव से मुस्लिम देश खुश नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में अब सऊदी अरब ने एक सम्मेमलन रखा है. सूत्र ने बताया कि मिस्र, जॉर्डन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात के नेता इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जो इसी मुद्दे पर 27 फरवरी को काहिरा में होने वाली अरब लीग की बैठक से पहले होगा.

फिलिस्तीन अथॉरिटी के प्रेसिडेंट भी लेंगे हिस्सा

नाम न बताने की शर्त पर एक अन्य सूत्र ने बताया कि फिलिस्तीनी अथॉरिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी इसमें हिस्सा लेंगे. ट्रम्प ने संयुक्त राज्य अमेरिका के जरिए गाजा पट्टी पर कब्जा करने और दो मिलियन से ज्यादा फिलिस्तीनियों को वहां से बाहर निकालने के प्रस्ताव पर वैश्विक स्तर पर आक्रोश पैदा कर दिया था, उन्होंने कहा था कि इन फिलिस्तीनियों को जॉर्डन या फिर मिस्र में शिफ्ट किया जाएगा.

एक साथ आए आरब देश

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुझाव दिया है कि सऊदी अरब भी फिलिस्तीनियों की मेजबानी कर सकता है. उनकी इस टिप्पणी की अरब जगत ने निंदा की है, लेकिन कुछ इजरायली मीडिया ने इसे मजाक बताया है. अरब देश एक दुर्लभ संयुक्त मोर्चे पर एक साथ आ गए हैं, जो फिलिस्तीनियों को गाजा से बाहर निकाल कर दूसरी जगह शिफ्ट करने पर नाखुश हैं.

ट्रंप की जॉर्डन और मिस्र को धमकी

फिलिस्तीनियों के लिए, कोई भी जबरन विस्थापन "नकबा" या तबाही की यादें ताजा कर देता है. 1948 में इजरायल के निर्माण के दौरान उनके पूर्वजों को इसी तरह विस्थापन का सामना करना पड़ा था. लेकिन ट्रम्प ने धमकी दी है कि यदि उनके पुराने सहयोगी जॉर्डन और मिस्र इसमें शामिल होने से इनकार करते हैं तो वे उनकी महत्वपूर्ण सहायता बंद कर देंगे.

बता दें, जॉर्डन में पहले से ही दो मिलियन से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी शरणार्थी रह रहे हैं. देश की 11 मिलियन की आबादी में से आधे से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मूल के हैं.

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