भारत की बड़ी जीत! स्वदेश लौटे कतर की जेल में बंद नौसेना के दिग्गज
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भारत की बड़ी जीत! स्वदेश लौटे कतर की जेल में बंद नौसेना के दिग्गज

Qatar Frees Navy Veterans: कतर ने भारत के उन नौसेना अधिकारियों को रिहा कर दिया है जो जासूसी के इल्जाम में साल 2022 से कतर में कैद थे. भारत ने इन अधिकारियों का स्वागत किया है.

भारत की बड़ी जीत! स्वदेश लौटे कतर की जेल में बंद नौसेना के दिग्गज

Qatar Frees Navy Veterans: भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत हुई है. कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के आठ दिग्गजों को दोहा ने सोमवार को रिहा कर दिया. इससे पहले नई दिल्ली के राजनयिक हस्तक्षेप के बाद मृत्युदंड को विस्तारित जेल अवधि में बदल दिया गया था. नौसेना के दिग्गजों के परिजनों की तरफ से उनकी रिहाई और उनकी वापसी की गुहार के बीच, विदेश मंत्रालय (MEA) ने आश्वासन दिया था कि उन्हें वापस लाने के लिए कानूनी मदद की जाएगी.

विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान के जरिए जानकारी दी कि आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों में से सात पहले ही भारत लौट चुके हैं. केंद्र सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर अधिकारियों को रिहा करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "भारत सरकार दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है, जिन्हें कतर में हिरासत में लिया गया था. उनमें से आठ में से सात भारत लौट आए हैं. हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं."

आठ भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से कतर में कैद थे और उन पर पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित रूप से जासूसी करने का आरोप लगाया गया था. सेवानिवृत्त नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने उन आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी जिन्हें अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है. विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस बयान में कहा, इससे पहले, कतरी अदालत ने दाहरा ग्लोबल मामले में पिछले साल गिरफ्तार किए गए आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारियों की मौत की सजा को कम कर दिया था. सज़ा को अब जेल की शर्तों में बदल दिया गया है.

फैसले के बारे में बताते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था, "हमने दाहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपील अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं." फैसले का इंतेजार है. हम अगले कदम पर फैसला लेने के लिए कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ राब्ते में हैं. कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी आज अपील अदालत में उपस्थित थे. हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी मदद देना जारी रखेंगे. हम इस मामले को कतरी अधिकारियों के साथ भी उठाना जारी रखेंगे."

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की और द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले "भारतीय समुदाय की भलाई" पर चर्चा की. इससे पहले, विदेश मंत्रालय के नवनियुक्त प्रवक्ता जयसवाल ने इस अवधि के अस्थायी महत्व पर जोर देते हुए कहा, "जहां तक मुद्दे का सवाल है, 60 दिनों का समय है जब इस मुद्दे पर अदालत में अपील की जा सकती है." कैसेशन का, जो कतर का सर्वोच्च न्यायालय है."

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