Pakistan News: पत्रकारों के लिए पाकिस्तान सबसे ख़तरनाक देशों में से एक है. पाकिस्तान में 2024 में 11 पत्रकारों की हत्या की जा चुकी है. हत्या आज सेंसरशिप का सबसे बड़ा हथियार बन गई है.
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Pakistan News: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने सीनियर जर्नलिस्ट राज़िश लियाकतपुरी को आतंकवाद के इल्जाम में गिरफ्तार कर लिया है. पत्रकार पर इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण अधिनियम (पीईसीए) की मुख्तलिफ धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. सीनियर जर्नलिस्ट कई दैनिक ‘खबरें’ के पूर्व संपादकीय प्रभारी और कई पुस्तकों के लेखक भी हैं. लियाकतपुरी लाहौर से लगभग 400 किलोमीटर दूर रहीम यार खान जिले से ताल्लुक रखते हैं.
लगा है ये गंभीर इल्जाम
पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पुलिस ने जर्नलिस्ट और लेखक राज़िश लियाकतपुरी के खिलाफ आतंकवाद और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर पंजाबी अधिकारियों की हत्या को कानूनन सही बताया था और पंजाब में एक नए प्रांत, सरायकिस्तान को पंजाबी प्रशासन के चंगुल से मुक्त करने की मांग की थी.
तीन दिन पहले किया गया था गिरफ्तार
राज़िश के परिवार और लियाकतपुर के पत्रकारों ने इल्जाम लगाया कि उन्हें तीन दिन पहले पुलिस की छापेमारी के बाद हिरासत में लिया गया था. उन्हें अज्ञात स्थान पर अवैध हिरासत में रखा और शनिवार रात तक उनकी गिरफ्तारी नहीं दिखाई और रविवार तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया.
पाकिस्तान के पुलिस पर पत्रकारों पर प्रताड़ित करने का लगा इल्जाम
‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, राज़िश के परिवार और लियाकतपुर के पत्रकारों ने इल्जाम लगाया कि सराइकी भाषा के लिए आवाज उठाने के कारण उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. पंजाब प्रांत के दक्षिणी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का मानना है कि मध्य पंजाब का शासक वर्ग दक्षिणी क्षेत्र के संसाधनों का दोहन कर रहा है, इसलिए इस क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया. उनका मानना है कि सरायकिस्तान का गठन दक्षिणी पंजाब के लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकता है.
पत्रकारों के लिए जहन्नुम हो गया है पाकिस्तान
मीडिया अधिकारों के लिए काम करने वाली पेरिस स्थित संस्था 'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' के मुताबिक दुनिया के लगभग आधे देशों में पत्रकारों को दबाने के लिए जेलों का दुरुपयोग किया जाता है. अब संयुक्त राष्ट्र ने भी मान लिया है कि पत्रकारिता दुनिया के सबसे ख़तरनाक पेशों में से एक है.
सच बोलने पर पत्रकारों को हमेशा अपहरण, कारावास या हत्या का ख़तरा बना रहता है. पत्रकारों के लिए पाकिस्तान सबसे ख़तरनाक देशों में से एक है. पाकिस्तान में 2024 में 11 पत्रकारों की हत्या की जा चुकी है. हत्या आज सेंसरशिप का सबसे बड़ा हथियार बन गई है. ऐसे में पाकिस्तान में पत्रकारों के लिए जहन्नुम के कम नहीं है.