Gaza ceasefire: 25 जनवरी को इजरायली प्रधान मंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इजरायल फिलहाल फिलिस्तीनी निवासियों को उत्तरी गाजा पट्टी में अपने घरों में लौटने की इजाजत नहीं देगा. इस बीच फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आंदोलन ने इजरायल से बड़ी डिमांड की है.
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Gaza ceasefire: फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आंदोलन ने मांग की है कि इजरायली सरकार इजरायली महिला बंधक अर्बेल येहुद के बदले में 30 फिलिस्तीनियों को रिहा करे. आंदोलन के उप महासचिव मोहम्मद अल-हिंदी ने सिन्हुआ को बताया कि आंदोलन ने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों को सूचित किया है कि येहुद अभी भी जिंदा है.
अल-हिंदी ने कहा कि आंदोलन ने मध्यस्थों के माध्यम से तय की जाने वाली शर्तों पर सहमति जताई है, जिसमें 30 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में अगले शनिवार से पहले येहुद की रिहाई शामिल है. उन्होंने कहा कि इजरायल युद्धविराम समझौते में बाधा डालने की कोशिश कर रहा है, उन्होंने कहा कि इजरायल को फिलिस्तीनियों को उत्तरी गाजा पट्टी में लौटने की इजाजत देनी चाहिए थी, जो अब तक नहीं हुआ है.
इजरायल ने क्या कहा?
मोहम्मद अल-हिंदी ने कहा कि यह मुद्दा सुलझने की राह पर है और आंदोलन विस्थापितों को उत्तरी गाजा में लौटने की अनुमति देने के संबंध में मध्यस्थों द्वारा व्यावहारिक प्रतिक्रिया दिए जाने की इंतेजार कर रहा है. वहीं, 25 जनवरी को इजरायली प्रधान मंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इजरायल फिलहाल फिलिस्तीनी निवासियों को उत्तरी गाजा पट्टी में अपने घरों में लौटने की इजाजत नहीं देगा.
200 फिलिस्तीनी कैदियों को इजरायल ने किया रिहा
बयान में आगे कहा गया है कि यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक कि अर्बेल येहुद की रिहाई की व्यवस्था नहीं हो जाती, जिसे शनिवार को रिहा किया जाना था, लेकिन वह हमास द्वारा रिहा किए गए चार इजरायलियों में शामिल नहीं था. इससे पहले, गाजा में दूसरी बंधक अदला-बदली देखी गई, जब हमास ने 200 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में चार महिला इजरायली सैनिकों को रिहा कर दिया, जो 19 जनवरी से शुरू होने वाले छह सप्ताह के युद्धविराम का हिस्सा था.