UP Budget 2025-26: उत्तर प्रदेश का आज बजट पेश हो गया है. इसमें माइनोरिटी की तरक्की के लिए इस बजट में 1998 करोड़ रुपये का इंतज़ाम किया गया है. छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए 365 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, लेकिन मदरसा एडुकेशन और उसके आधुनिकीकरण को लेकर अलग से किसी तरह के बजट का ऐलान नहीं किया गया.
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UP Budget 2025-26: उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज बजट पेश किया गया है. सीएम योगी आदित्यनात ने इस बजट को बेहतरीन करार दिया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट 2024-25 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है, जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है. सरकार ने बुजुर्गों, किसान, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन और अल्पसंख्यकों के बहबूद के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए बजट आवंटित किया है. योगी सरकार ने समाज के बुजुर्ग नागरिकों और किसानों की माली हालत ठीक करने के लिए वृद्धावस्था/किसान पेंशन स्कीम के तहत सभी लाभार्थी को 1000 रुपये मासिक पेंशन दे रही है. इस स्कीम के लिए बजट में 8105 करोड़ रुपये की रकम का इंतज़ाम किया गया है.
इससे रियासत के लाखों बुजुर्गों और किसानों को राहत मिलेगी. इसके अलावा, कमजोर वर्ग की बेटियों की शादी में माली मदद पहुंचाने के लिए "मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना" को और मजबूती दी गई है, जिसके लिए 550 करोड़ रुपये की रकम दी गयी है. सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में अनुदान योजना के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृति के लिए 900 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है.
अल्पसंख्यकों के विकास के लिए विशेष बजट का आवंटन
प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय की तरक्की के लिए इस बजट में 1998 करोड़ रुपये का इंतज़ाम किया गया है. अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों की तालीमी तरक्की के लिए पूर्वदशम और दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए 365 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे समाज के इस वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा हासिल करने में मदद मिलेगी. राज्य में 19.26 फीसद (38,483,967) आबादी मुसलमानों की है. ऐसे में बजट से स्टेट के अल्पसंख्यक काफी उम्मीद लगाए हुए थे. इसके साथ ही माइनोरिटी मिनिस्ट्री को उम्मीद थी कि शायद इस बार बजट में उनके लिए कुछ इजाफा देखने को मिले.
मदरसों के आधुनिकीकरण पर कोई बात नहीं
प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र सरकार मदरसों के आधुनिकरण पर काफी जोर देते हैं. पिछले कुछ माह पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने मदरसों के आलिम और फ़ाज़िल की डिग्री को अवैध करार दे दिया था. कोर्ट ने इस बार पर सवाल उठाया था कि आखिर एक मदरसा आलिम (ग्रेजुएशन ) और फाजिल (पोस्ट ग्रेजुएशन) की डिग्री कैसे दे सकता है. कोर्ट के फैसले से मदरसों में आलिम और फाजिल में पढने वालों हज़ारों स्टूडेंट्स का भविष्य खतरें में पड़ गया है. कोर्ट ने कहा था कि अलीम और फाजिल के पाठ्यक्रम और डिग्री को राज्य के किसी यूनिवर्सिटी से जोड़ा जाए. स्टूडेंट्स इस उम्मीद में थे कि राज्य सरकार बजट में इसे लेकर कोई घोषणा करेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. मदरसा एडुकेशन को लकर बजट में कोई रकम या योजना पेश नहीं किया गया.
- अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन ले जाने की व्यवस्था
- बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए 150 करोड़ रुपये
- यूपी में चार एक्सप्रेसवे
- छुट्टा जानवरों की समस्या का खात्मा
- राज्य में 92 हजार नई नौकरियां
- 5 करोड़ की लागत से लखनई में नई एआई सिटी बनाई जाएगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस को खिताब करते हुए सीएम योगी ने कहा, "यह बजट 8,08,736 करोड़ रुपये से जयादा है, जो 2024-25 के बजट से 9.8 फीसदी ज़यादा है. एक तरफ बजट आकार में इजाफा राज्य की ताकत को दिखाती है, वहीं दूसरी तरफ यह डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है." उन्होंने इस बात पर रोशनी डाली कि पहले जहां उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुल्क में 6वें-7वें मुकाम पर थी, वहीं अब यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी मशियत है. उन्होंने इस बात पर भी रोशनी डाली कि यूपी की अर्थव्यवस्था "कुल बजट का 22 प्रतिशत बुनियादी ढांचे की तरक्की के लिए आवंटित किया गया है. तालीम के लिए 1,06,360 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो कुल बजट का 13 फीसदी है. जबकि आमतौर पर शिक्षा की 6 फीसदी मांग होती है, यूपी देश के उन राज्यों में से एक है जो अपने बजट का 13 फीसदी तालीम पर खर्च करता है."