मुंबई में कौन कर रहा है 'हाउसिंग जिहाद', शिवसेना ने लगाया बड़ा इल्जाम
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मुंबई में कौन कर रहा है 'हाउसिंग जिहाद', शिवसेना ने लगाया बड़ा इल्जाम

Maharashtra News: मुंबई में झुग्गी पुनर्वास परियोजनाओं पर काम जोरों पर चल रहा है. इस बीच शिवसेना नेता ने "मुस्लिम" रियल्टी डेवलपर्स पर बड़ा इल्जाम लगाया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

मुंबई में कौन कर रहा है 'हाउसिंग जिहाद', शिवसेना ने लगाया बड़ा इल्जाम

Maharashtra News: सत्तारूढ़ शिवसेना ने आज मुंबई में झुग्गी पुनर्वास परियोजनाओं में शामिल कुछ "मुस्लिम" रियल्टी डेवलपर्स पर "हाउसिंग जिहाद" का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वे अपने समुदाय के लोगों के नाम लाभार्थियों की लिस्ट में जोड़ रहे हैं और शहर की डेमोग्राफी को बदल रहे हैं.

शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने इल्जाम लगाया कि पश्चिमी उपनगरों और मुंबई के अन्य हिस्सों जैसे गोवंडी, मानखुर्द, कुर्ला, साकी नाका और बांद्रा में ऐसी गतिविधियां की जा रही हैं. पूर्व सांसद ने कहा, "600 एसआरए परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से 10 फीसद मुस्लिम बिल्डर हैं और सभी इस तरह के काम में शामिल हैं. योजना शहर की जनसांख्यिकी को बड़े पैमाने पर बदलने की है. यह हाउसिंग जिहाद है."

डिप्टी सीएम को लिखा खत
निरुपम ने इन धोखाधड़ी गतिविधियों की जांच की मांग की और कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चिट्ठी लिखी है.  शिवसेना प्रवक्ता ने ओशिवारा में दो हाउसिंग परियोजनाओं की ओर इशारा किया, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि एक हिंदू-प्रधान समाज को मुस्लिम-प्रधान समाज में बदल दिया गया था. निरुपम ने दावा किया कि एक हाउसिंग सोसाइटी में, परियोजना को संभालने वाले मुस्लिम डेवलपर ने रिकॉर्ड में हेराफेरी की और एक व्यक्ति के नाम पर 19 संरचनाएं पारित कीं.

लगाया गंभीर इल्जाम
संजय निरुपम ने इल्जाम लगाया है कि स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) के नियमों के तहत, एक पात्र परिवार को सिर्फ एक घर का हक है. हालांकि, इस हाउसिंग सोसाइटी में एक परिवार को 30 घर आवंटित किए गए थे. 2021 के रिकॉर्ड के मुताबिक, ओशिवारा के एक इलाके में 45 झोपड़ियां थीं जो पुनर्वास के लिए पात्र थीं, लेकिन 2022 में उनकी संख्या बढ़कर 82 और फिर 95 हो गई.

बिजली बिलों में की जाती है हेराफेरी- शिवसेना नेता
उन्होंने दावा किया कि अपात्र लाभार्थियों को शामिल करने के लिए बिजली बिलों में भी हेराफेरी की जाती है. एसआरए परियोजना में एक किरायेदार बांग्लादेशी है जो भारत में अवैध रूप से रह रहा है. एसआरए एक राज्य द्वारा संचालित एजेंसी है जिसे मुंबई में झुग्गी पुनर्वास परियोजनाओं को लागू करने का काम सौंपा गया है. इसका मुख्य उद्देश्य झुग्गीवासियों के जीवन को बदलना और उन्हें किफायती आवास प्रदान करना है.

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