Sambhal Violence: एआईएमआईएम के नेताओं ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. उन्होंने मांग की है कि हिंसा में जिन लोगों की मौत हुई है उनके परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए.
Trending Photos
Sambhal Violence: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) ने मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई हिंसा के दौरान मुसलमानों पर कथित अत्याचार की निंदा करने के लिए बुधवार को महाराष्ट्र के लातूर में विरोध प्रदर्शन किया. असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी की लातूर इकाई ने सुबह करीब 11 बजे लातूर के महात्मा गांधी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया.
AIMIM की मांग
ख्याल रहे कि 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के अदालती आदेश के सर्वे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान संभल में हिंसा भड़क उठी थी, जब प्रदर्शनकारी मस्जिद के पास इकट्ठा हुए और सुरक्षा कर्मियों से भिड़ गए. हिंसा में चार लोग मारे गए और कई दूसरे घायल हो गए उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए 50 लाख रुपये और घायलों के लिए 10 लाख रुपये का वित्तीय मुआवज़ा भी मांगा. AIMIM के लातूर ज़िला प्रमुख मोहम्मद अली शेख़ ने सरकार पर सांप्रदायिक नफ़रत को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने "मुसलमानों के ख़िलाफ़ अत्याचारों को तुरंत रोकने" का आह्वान किया.
यह भी पढ़ें: Sambhal Mosque: संभल मस्जिद; दावे- इतिहास और सुबूत, किसमें कितना है दम ?
कैसे हुई लोगों की मौत
आपको बता दें कि सबसे पहले जामा मस्जिदा का 19 नवंबर को सर्वे हुआ था. इसके बाद 24 नवंबर को मस्जिद का सर्वे कराने के लिए टीम पहुंची थी तभी भीड़ से पुलिस की मुठभेड़ हो गई. हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि 4 लोगों की मौत भीड़ ने कर दी जबकि सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क कह रहे हैं कि पुलिस ने गोली चलाई जिसकी वजह से 4 लोगों की मौत हुई. इस हिंसा में कई लोग घायल भी हुए है. पुलिस ने हिंसा के 31 मुल्जिमों को गिरफ्तार किया है.
विपक्षी नेताओं की राय
संभल हिंसा पर देश के कई विपक्षी नेताओं ने अपनी राय रखी है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के मुताबिक यह हिंसा सोची समझी साजिश थी. इस हिंसा का मामला संसद में भी उठा. आज इस पर AIMIM ने विरोध प्रदर्शन किया.