नई दिल्ली: PM Narendra Modi US Visit : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय अमेरिकी यात्रा कई मायनों में अहम रही. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से PM मोदी की मुलाकात ने भारत के सैन्य संबंध अमेरिका से मजबूत कर दिए हैं. इसके अलावा, व्यापारिक दृष्टि से भी इस यात्रा के परिणाम सकारात्मक रहे हैं. द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए 'मिशन 500' का ऐलान हुआ है. चलिए, जानते हैं कि भारत-अमेरिका का मिशन 500 क्या है और इससे खासकर भारत को क्या फायदा हो सकता है?
क्या है 'मिशन 500'?
मोदी और ट्रंप की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद PMO ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की. इसमें बताया गया कि 'मिशन 500' के तहत 2030 तक भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय व्यापार को डबल से भी ज्यादा यानी 500 बिलियन डॉलर तक ले जाने का टारगेट रखा गया है.
'मिशन 500' की 3 बड़ी बातें, इनसे समझें भारत का क्या फायदा?
- द्विपक्षीय व्यापार बढ़ने से भारतीय कंपनियों को अमेरिकी बाजार में निर्यात के अधिक मौके मिलेंगे. आईटी, फार्मास्युटिकल्स, और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्र में भारत पहले से ही मजबूत है, इन्हें और फायदा हो सकता है.
- अमेरिका से तेल और गैस का भारत में आयात बढ़े तो भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी. इससे चीन और अन्य देशों पर भारत की निर्भरता कम होगी.
- यदि व्यापार बढ़ा तो दोनों देशों के जीडीपी में वृद्धि करेगा. भारत के लिए, यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह निर्यात को बढ़ावा देगा, जो आर्थिक विकास का एक मुख्य घटक है।
ट्रंप भारत को देंगे F-35 फाइटर जेट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसमें उन्होंने कहा- 'इस साल से अमेरिका, भारत की सैन्य बिक्री में कई अरब डॉलर की बढ़ोतरी करेगा.' इसके अलावा ट्रंप ने ये भी कहा है अमेरिका भारत को F-35 फाइटर जेट भी देगा.
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