बम नहीं, बर्बादी का दूसरा नाम है MK-84! इस देश ने इजरायल को दिया तबाही मचाने वाला हथियार, जानें ये कितना खतरनाक है

अमेरिका में सत्ता बदलते ही इजरायल को मदद में तेजी आई है. डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका से 1800 एमके-84 बम का जखीरा इजरायल पहुंच चुका है. इजरायल की ओर से जानकारी दी गई कि 1800 एमके-84 बम अशदोद बंदरगाह पर पहुंचे, जिन्हें इजरायली बेस पर ले जाया गया है. 

Written by - Lalit Mohan Belwal | Last Updated : Feb 17, 2025, 02:08 PM IST
  • जानिए अमेरिकी MK-84 बम की ताकत
  • खराब मौसम में भी सटीक निशाना मारता है
बम नहीं, बर्बादी का दूसरा नाम है MK-84! इस देश ने इजरायल को दिया तबाही मचाने वाला हथियार, जानें ये कितना खतरनाक है

नई दिल्लीः अमेरिका में सत्ता बदलते ही इजरायल को मदद में तेजी आई है. डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका से 1800 एमके-84 बम का जखीरा इजरायल पहुंच चुका है. इजरायल की ओर से जानकारी दी गई कि 1800 एमके-84 बम अशदोद बंदरगाह पर पहुंचे, जिन्हें इजरायली बेस पर ले जाया गया है. 

मध्य पूर्व में इजरायल की हमास, हिज्बुल्लाह से लेकर ईरान तक से तनातनी चल रही है. ऐसे में एमके-84 बम कैसे इजरायल को बढ़त दिला सकता है और ये कितना खतरनाक है.

जानिए अमेरिकी MK-84 बम की ताकत

रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिका का MK-84 बम दुनिया के सबसे खतरनाक बमों में से एक माना जाता है. यह 2 हजार पाउंड (लगभग 907 किलो) वजनी एक फ्री-फॉल, नॉन-गाइडेड जनरल पर्पस (GP) बम है, जिसे अधिकतम तबाही और विस्फोटक प्रभाव के लिए डिजाइन किया गया है. इस बम का इस्तेमाल ज्यादातर उन मिशनों में किया जाता है जहां भारी विस्फोटक असर की जरूरत होती है. इसकी बॉडी को एयरोडायनामिक तरीके से डिजाइन किया गया है, ताकि यह कम हवा के दबाव के साथ तेज गति से अपने लक्ष्य तक पहुंच सके.

एमके-84 का लगभग 45 फीसदी वजन विस्फोटक पदार्थों का होता है. इसे कम और ज्यादा ऊंचाई दोनों से गिराया जा सकता है. इसका इस्तेमाल अधिकतर लड़ाकू विमानों जैसे F-15E, F-16 और F-111F द्वारा किया जाता है.

खराब मौसम में भी सटीक निशाना

इस बम को खराब मौसम में भी सटीक निशाने पर दागा जा सकता है. खाड़ी युद्ध में इस बम का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था. उस युद्ध में 12 हजार से ज्यादा MK-84 बम गिराए गए थे, जिनमें से अधिकतर अमेरिकी वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने इस्तेमाल किए. इस बम से तोपखाने, ट्रक, बंकर, स्कड मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल साइट, रडार सिस्टम और सप्लाई प्वाइंट जैसे दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया गया.

ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाता है ये बम

MK-84 बम अमेरिका की MK-80 बम सीरीज का हिस्सा है. इसे 1950 के दशक में विकसित किया गया था. इस सीरीज के सभी बम एयरोडायनामिक डिजाइन के साथ बनाए गए हैं, ताकि ये तेज गति से गिरकर अधिकतम नुकसान पहुंचा सकें. ये बम ब्लास्ट, क्रेटरिंग (गड्ढा बनाने) और फ्रैगमेंटेशन (छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटकर अधिक नुकसान पहुंचाने) के लिए जाने जाते हैं.

हमास-हिज्बुल्लाह पर दागे MK-84 बम

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने हमास के साथ युद्ध के दौरान इस बम का इस्तेमाल पहले भी किया है. 9 अक्तूबर 2023 को इजरायल ने गाजा के जबालिया में ये बम गिराया था. इसके बाद 13 जुलाई 2024 को इजरायल ने राफाह के अल मवासी में किया था. इसमें हमास कमांडर समेत 100 से ज्यादा लोगों की मौत का दावा किया गया था. वहीं इजरायल ने हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मारने के लिए भी इसी बम का इस्तेमाल किया था.

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