नई दिल्ली: Russia Ukraine War News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए बड़े कदम बढ़ा रहे हैं. लेकिन ट्रंप के बनाए प्लान में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की फंसते हुए नजर आ रहे हैं. ट्रंप ने यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं करने का ऐलान भी कर दिया है. ट्रंप से पहले के बाइडेन प्रशासन ने जेलेंस्की को जो वादे किए थे, वे अब टूटते हुए नजर आ रहे हैं. चलिए, जानते हैं कि वोलोदिमिर जेलेंस्की के लिए परिस्थिति कैसे प्रतिकूल हो चली है?
एकतरफा फैसला कर रहे ट्रंप
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने वादा किया था कि जब भी युद्ध पर बातचीत होगी तो, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी इसमें शामिल होंगे. लेकिन ट्रंप ने पुतिन से फोन पर बात कर एकतरफा फैसला किया और बाद में जेलेंस्की से बात की. यूक्रेन को नाटो देशों में शामिल नहीं करने का फैसला ट्रंप ने अपने स्तर पर ले लिया.
पुतिन नहीं देने वाले कब्जे वाले इलाके
तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान पुतिन के सेना ने यूक्रेन के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया है. पुतिन नहीं चाहते कि कब्जे किए गए इलाके यूक्रेन को वापस दिए जाएं. जबकि जेलेंस्की चाहते हैं कि शांति समझौते के तहत कब्जे किए गए इलाके वापस उन्हें सौंपे जाएं. यदि जेलेंस्की कब्जे वाले इलाके वापस नहीं पाते हैं तो यूक्रेन के अगले चुनाव में उन्हें भारी विरोध झेलना पड़ सकता है.
यूरोपीय देशों ने पीछे खींचे कदम
ट्रंप के सत्ता में आने से पहले तक यूरोपीय देश चाहते थे कि शांति समझौते का वे भी हिस्सा हों और यूक्रेन का पलड़ा भारी रहे. लेकिन ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश भी इस मुद्दे पर इतने मुखर नहीं हैं. कुल मिलाकर अब जेलेंस्की को अपनी लड़ाई अकेले ही लड़नी होगी.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.