नई दिल्ली: US ICV Stryker: भारत अपनी सेना को आधुनिक करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. पुराने सैन्य उपकरणों को हटाकर नए हथियार और सैन्य सामान लाया जा रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद दोनों देशों की रक्षा साझेदारी मजबूत हो सकती है. इस मीटिंग के बाद अमेरिकी ICV स्ट्राइकर का भारत आने का रास्ता भी साफ हो गया है.
दोनों देशों के बीच सह-निर्माण बढ़ेगा
मोदी-ट्रंप की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि अमेरिका, भारत के साथ अपने मिलिट्री सेल और सह-निर्माण बढ़ाएगा. इसी साल जैवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और स्ट्राइकर इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स के खातिर नई खरीदी और सह-निर्माण पर काम होगा.
500 से ज्यादा ICV स्ट्राइकर
फिलहाल सेना के मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में 2000 रूसी ICV BMP-2 हैं, इन्हें सेना 500 से ज्यादा इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (ICV) को अमेरिकी ICV स्ट्राइकर से बदल देगी. लद्दाख में इस स्ट्राइकर का ट्रायल भी हो चुका है.
2 तरह के ICV
जानकारी के मुताबिक, इंडियन आर्मी के पास 2 तरह के ICV हैं. इसमें से एक ICV ट्रैक्ट या टैंकों के माफिक ट्रैक पर चलने वाले हैं. जबकि दूसरा ICV व्हील्ड यानी टायरों पर चलने वाले हैं. अब इन्हें इंडियन आर्मी व्हील्ड ICV को अपडेट करने की प्रोसेस शुरू कर चुकी है.
अमेरिका के ICV स्ट्राइकर की खूबियां
- अमेरिकी स्ट्रायकर 8 व्हील ड्राइव कॉंबेट व्हीकल है.
- इसमें 30 mm गन और 105 मोबाइल गन लगी है.
- इसकी रेंज 483 किमी है, इसकी स्पीड 100 किमी प्रति घंटा है
- सुरक्षा के लिए बोल्ट ऑन सेरेमिक आर्मर्ड प्रोटेकशन से लैस है
- यह एरियल अटैक, लैंडमाइन और IED से बचाता है.
- चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए हाई ऑल्टिट्यूड इलाके में ले जा सकता है.
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