Budget: भारत का वो एक मात्र राज्य, जहां लोगों को नहीं देना पड़ता टैक्स

Tax-Free State of India: भारत में आयकर एक प्रत्यक्ष कर है जो भारत सरकार द्वारा व्यक्तियों, व्यवसायों और अन्य संस्थाओं द्वारा अर्जित आय पर लगाया जाता है. यह कर आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार एकत्र किया जाता है और वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा प्रशासित किया जाता है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Feb 1, 2025, 08:36 PM IST
Budget: भारत का वो एक मात्र राज्य, जहां लोगों को नहीं देना पड़ता टैक्स

Tax-Free State: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2025 को अपना आठवां केंद्रीय बजट पेश किया, जिसमें करदाताओं, खास तौर पर मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली. अपने बजट भाषण में उन्होंने घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा. वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा 75,000 रुपये की मानक कटौती के साथ 12.75 लाख रुपये होगी. उन्होंने यह भी कहा कि नई आयकर व्यवस्था सरल होगी, जिसमें मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

हर साल जब केंद्रीय बजट पेश किया जाता है, तो सबसे ज्यादा उत्सुकता से जिस घोषणा का इंतजार किया जाता है, वह आयकर से जुड़ी होती है. चूंकि आयकर सीधे तौर पर वेतनभोगी कर्मचारियों, पेशेवरों, व्यवसाय मालिकों और सेवानिवृत्त लोगों को प्रभावित करता है, इसलिए इसका लोगों की वित्तीय योजना और समग्र आर्थिक भावना पर व्यापक प्रभाव पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा राज्य भी है जहां के निवासियों को करों का भुगतान करने से छूट दी गई है? आइए इसके बारे में जानते हैं.

सिक्किम वो राज्य
सिक्किम भारत का एकमात्र आयकर-मुक्त राज्य है, जो अपने निवासियों को एक अनूठा वित्तीय विशेषाधिकार प्रदान करता है. संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) और आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) के तहत, इस राज्य के लोगों को उनकी आय की परवाह किए बिना आयकर का भुगतान करने से पूरी तरह छूट है. यह विशेष छूट 1975 में सिक्किम के भारत में विलय के समय से चली आ रही है, जब इसके लोगों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए विशिष्ट प्रावधान पेश किए गए थे. नतीजतन, जबकि देश भर के करदाता अपनी आय स्लैब के आधार पर आयकर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं, लेकिन सिक्किम के निवासियों को पूरी छूट मिलती है.

कोई भी व्यक्ति जो 26 अप्रैल, 1975 तक सिक्किम का निवासी है, उसे आयकर से छूट प्राप्त है. इसके अलावा, सिक्किम के निवासियों को भारतीय प्रतिभूतियों और म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय पैन (स्थायी खाता संख्या) विवरण प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है, जो उन्हें वित्तीय लेनदेन के लिए एक सुव्यवस्थित और आसान प्रक्रिया प्रदान करता है.

सिक्किम के निवासियों के लिए आयकर छूट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371 (F) और आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (26AAA) के तहत सुरक्षित है. ये प्रावधान आयकर से पूर्ण उन्मुक्ति प्रदान करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सिक्किम के व्यक्ति अपनी आय के बावजूद कराधान से मुक्त रहें.

सिक्किम सब्जेक्ट्स रेगुलेशन, 1961 के तहत आधिकारिक तौर पर सिक्किमी के रूप में मान्यता प्राप्त सभी व्यक्ति आयकर से पूरी तरह छूट के हकदार हैं. इसमें न केवल उनकी नियमित आय बल्कि ब्याज, लाभांश और अन्य आय स्रोत भी शामिल हैं, जिससे यह पूर्वोत्तर राज्य भारत का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है जहां के निवासियों को इतने व्यापक कर लाभ मिलते हैं.

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