Fake Pregnancy News: शादी के बाद महिलाओं पर बच्चे पैदा करने का दवाब कितना ज्यादा होता है, इसका अंदाजा इस प्रेग्नेंसी स्कैंडल से लगाया जा सकता है. जहां महिलाओं की जान के साथ खेला जा रहा है और उनसे मोटी रकम भी लूटी जा रही है.
Trending Photos
Nigerian Pregnant Scandal: सही उम्र में शादी करो और फिर जल्दी बच्चा पैदा करो, ये सोच कई देशों के समाज में गहरे तक पैठ चुकी है. कई बार पारिवारिक और सामाजिक दवाब इतना बढ़ जाता है कि महिलाएं बिना सोचे-समझे गलत कदम लेती हैं. ये ना केवल उनकी जान पर भारी पड़ते हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक, शारीरिक, मानसिक तौर पर बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं. नाइजीरिया में नकली प्रेग्नेंसी कराने का स्कैंडल बड़े पैमाने पर चल रहा है. इसमें महिलाओं को नकली तरीके से प्रेग्नेंट किया जाता है और फिर 15-15 महीने चलने वाली लंबी प्रेग्नेंसी के बाद उनकी नकली डिलीवरी करवाकर बच्चा दिया जाता है.
यह भी पढ़ें: दुनिया का सबसे बड़ा वेश्यालय, 12 मंजिल की बिल्डिंग में सैकड़ों सेक्स वर्कर्स दिन-रात करती हैं 'काम'
किसी और की संतान दे दी
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में एक महिला चाओमी के बारे में बताया गया है. नाइजीरिया की अनाम्ब्रा राज्य की चाओमी 8 साल से गर्भवती होने की कोशिश कर रही थीं और आखिर में वे एक ऐसे चंगुल में फंस गईं, जहां से उन्हें बच्चा मिलने का पूरा भरोसा था. खैर, चाओमी की उम्मीद हकीकत में भी बदली लेकिन उस तरह नहीं, जैसे असलियत में होना चाहिए था.
15 महीने की प्रेग्नेंसी के बाद पैदा हुआ बच्चा
चाओमी जिस बच्चे को अपने सीने से लगाए घूम रही हैं, वह दरअसल, उनका बच्चा नहीं है. बल्कि प्रेग्नेंसी स्कैंडल चलाने वाले गिरोह ने उनकी नकली डिलीवरी करवाकर उन्हें ये बच्चा दिया है. चाओमी को छोड़कर उनके पूरे परिवार का मानना है कि ये बच्चा चाओमी का नहीं है. लेकिन चाओमी का कहना है कि उन्होंने इस बच्चे को 15 महीने अपनी कोख में रखा है और फिर उसे जन्म दिया है.
यह भी पढ़ें: 9 देशों से गुजरती है ये नदी लेकिन आज तक इस पर कोई नहीं बना पाया पुल, समुद्र से ज्यादा...
नकली प्रेग्नेंसी फिर नकली डिलीवरी
बच्चा ना होने के कारण चाओमी बेहद तनाव में थीं और एक ऐसे गिरोह के संपर्क में आईं जो प्रेग्नेंसी स्केम चलाता था. ये ठग मां ठग मां बनने की लालसा रखने वाली महिलाओं को निशाना बनाते थे. साथ ही नवजात बच्चों की तस्करी भी करते थे.
यह भी पढ़ें: कमजोर है पर कभी गुलाम नहीं हुआ, दुनिया का वो देश जो स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाता
ये ठग पहले तो महिलाओं को लंबे समय ड्रग्स और प्रतिबंधित दवाएं देते थे, साथ ही महिलाओं की वजाइना में इंजेक्शन या किसी तरह का लिक्विड डाला जाता था. जिससे उनके पेट में सूजन आ जाती थी. साथ ही उन्हें अजीब सा भी महसूस होता था. इन महिलाओं को भरोसा दिलाया जाता था कि वे प्रेग्नेंट हो गईं हैं.
महिलाओं से सैंकड़ों डॉलर वसूलने के बाद उनसे लिंग निर्धारण करने की चॉइस दी जाती थी और इसके लिए भी पैसे वसूले जाते थे. फिर डिलीवरी का समय नजदीक आने पर एक बेहद महंगी दवा देने के नाम पर फिर से मोटी रकम वसूली जाती है.
इसके बाद महिला की पीठ में इंजेक्शन लगाया जाता था और फिर उन्हें जोर लगाने के लिए कहा जाता था. बेहोशी की हालत में महिला को ऐसा लगता था जैसे वह वाकई बच्चे को जन्म दे रही है. जबकि कुछ घंटे बाद उसे तस्करी करके लाया गया नवजात बच्चा थमा दिया जाता था.
डॉक्टर से मिलने की मनाही
ये ठग महिलाओं को किसी भी डॉक्टर से मिलने, स्केन कराने या प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने की सख्त मनाही करते थे. वे उन्हें इस तरह अपने चंगुल में फंसा लेते थे कि कई महिलाएं उनकी बातों में आकर मोटी रकम लुटा देती थीं.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार यह प्रेग्नेंसी स्कैंडल इस कदर काम कर रहा था कि इनके फेक क्लीनिक के बाहर महिलाओं की लाइन लगी होती थी. कुछ ही समय पहले जब इनका भांडा फूटा तो सारी सच्चाई सामने आई. दरअसल, ये ठग नकली इलाज को 'चमत्कार' की तरह प्रचारित करते थे और ऐसी महिलाओं को निशाना बनाते थे जो बच्चा पैदा करने के लिए बेहद उत्सुक होती थीं.