प्रज्ञाननंदा ने वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश को दी मात, टाईब्रेकर में कांप गए थे हाथ, जीत लिया शतरंज का बड़ा खिताब
Advertisement
trendingNow12629406

प्रज्ञाननंदा ने वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश को दी मात, टाईब्रेकर में कांप गए थे हाथ, जीत लिया शतरंज का बड़ा खिताब

Praggnanandhaa vs D Gukesh: युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञाननंदा ने हमवतन और विश्व चैंपियन डी गुकेश को हराकर पहली बार टाटा स्टील मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट का खिताब जीतकर खलबली मचा दी है. प्रज्ञाननंदा की इस जीत से भारतीय खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय शतरंज में अपना दबदबा भी कायम रखा. डी गुकेश के साथ मैच रोमांच से भरा नजर आया. 

 

D Gukesh

Praggnanandhaa vs D Gukesh: युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञाननंदा ने हमवतन और विश्व चैंपियन डी गुकेश को हराकर पहली बार टाटा स्टील मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट का खिताब जीतकर खलबली मचा दी है. प्रज्ञाननंदा की इस जीत से भारतीय खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय शतरंज में अपना दबदबा भी कायम रखा. डी गुकेश के साथ मैच रोमांच से भरा नजर आया. भारतीय शतरंज का गढ़ बन चुके शहर चेन्नई के 19 वर्षीय प्रज्ञाननंदा ने रविवार को यहां टाईब्रेकर में डी गुकेश को शिकस्त दी जो विश्व के तीसरे नंबर के खिलाड़ी हैं.

बेदर रोमांचक रहा मैच

प्रज्ञाननंदा ने 18 वर्षीय गुकेश को 2-1 से मात दी. विजेता का चयन करने के लिए टाईब्रेकर का सहारा इसलिए लेना पड़ा क्योंकि दोनों खिलाड़ी अपने 13वें दौर के मुकाबले हार गए थे. जिसके बाद वे 8.5 अंक लेकर बराबरी करते. जहां गुकेश को अपने साथी भारतीय खिलाड़ी अर्जुन एरिगैसी से हार का सामना करना पड़ा. वहीं प्रज्ञाननंदा जर्मनी के विंसेंट कीमर से हार गए.

जीत के बाद क्या बोले प्रज्ञाननंदा?

प्रज्ञाननंदा ने अपनी जीत के बाद टूर्नामेंट की आधिकारिक वेबसाइट से कहा, 'मेरे हाथ अब भी कांप रहे हैं, यह कितना रोमांच से भरा दिन था. मेरे पास इसको व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है. मुझे वास्तव में जीत की उम्मीद नहीं थी लेकिन चीजें मेरे अनुकूल होती रही. मेरे लिए यह दिन खास है क्योंकि मैंने टूर्नामेंट जीता है लेकिन निश्चित तौर पर यह तनाव से भरा दिन था.'

ये भी पढे़ं...'या कृष्ण जी के दो मा-बाप थे या मेरे.. ' रिंकू सिंह से भी दर्दनाक इस क्रिकेटर की कहानी, बिन फैमिली घर-घर काटे चक्कर

पिछली बार चीन से हारे थे गुकेश

गुकेश ने टाईब्रेकर में पहली बाजी जीतकर बढ़त बनाई लेकिन प्रज्ञाननंदा ने इसके बाद शानदार वापसी करके अगली दोनों बाजियां जीत कर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. गुकेश को यहां लगातार दूसरे वर्ष टाईब्रेकर में हार का सामना करना पड़ा. पिछली बार वह चीन के चीनी वेई यी से हार गए थे.

Trending news