Solar Flares: हमें नहीं दिखता लेकिन सूर्य हर बार देता है तबाही का सिग्नल! नई स्टडी में NASA का खुलासा
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Solar Flares: हमें नहीं दिखता लेकिन सूर्य हर बार देता है तबाही का सिग्नल! नई स्टडी में NASA का खुलासा

NASA Solar Flares Discovery: नासा की सोलर ऑब्जर्वेटरी ने बड़े सोलर फ्लेयर्स से पहले कोरोनल लूप को 'टिमटिमाते' देखा है. यह खोज सौर ज्वालाओं की सटीक भविष्यवाणी करने में काम आ सकती है.

Solar Flares: हमें नहीं दिखता लेकिन सूर्य हर बार देता है तबाही का सिग्नल! नई स्टडी में NASA का खुलासा

Solar Flares Prediction: सूर्य, पृथ्‍वी पर सभी तरह के जीवन का आधार है. लेकिन कभी-कभी यह अपने विध्वंसक रूप में भी सामने आता है. एक नई स्टडी में, वैज्ञानिकों ने पाया है कि सूर्य की सतह पर मौजूद प्लाज्मा के चमकदार लूप (coronal loops) सौर ज्वालाओं (solar flares) से कुछ घंटे पहले 'फ्लिकर' यानी झिलमिलाते हैं. यह खोज अंतरिक्ष मौसम (space weather) की भविष्यवाणी को और सटीक बनाने में मददगार साबित हो सकती है.

सोलर फ्लेयर क्या हैं?

सौर ज्वालाएं या सोलर फ्लेयर, सूर्य की सतह पर होने वाले विस्फोटक ऊर्जा उत्सर्जन हैं. ये तब होते हैं जब सूर्य की सतह पर मौजूद अदृश्य चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं आपस में उलझकर टूट जाती हैं. ये विस्फोट अक्सर सनस्पॉट्स (sunspots) के आसपास होते हैं, जो सूर्य की सतह पर काले धब्बे की तरह दिखते हैं. इन विस्फोटों के दौरान प्लाज्मा सूर्य की सतह से ऊपर उठकर चमकदार घोड़े की नाल के आकार (horseshoe shape) के लूप बनाता है, जिन्हें कोरोनल लूप्स (coronal loops) कहा जाता है.

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सोलर फ्लेयर से निकलने वाली ऊर्जा पृथ्वी तक पहुंचकर रेडियो ब्लैकआउट्स (radio blackouts) और जियोमैग्नेटिक तूफान (geomagnetic storms) जैसी घटनाओं को ट्रिगर कर सकती है. मई 2024 में, पिछले 21 सालों का सबसे शक्तिशाली जियोमैग्नेटिक तूफान देखा गया था, जिसने पूरी दुनिया में ऑरोरा (aurora) की शानदार छटा बिखेरी थी.

NASA की नई स्टडी क्या कहती है?

यह स्टडी 6 दिसंबर, 2024 को Astrophysical Journal Letters में छपी और 15 जनवरी, 2025 को अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की बैठक में पेश की गई. रिसर्चर्स ने NASA के Solar Dynamics Observatory (SDO) द्वारा ली गई 50 सोलर फ्लेयर से पहले के कोरोनल लूप्स की मल्टी-वेवलेंथ इमेजेज का एनालिसिस किया. पाया गया कि सोलर फ्लेयर से कुछ घंटे पहले ये लूप्स अदृश्य पराबैंगनी प्रकाश (ultraviolet light) की छोटी-छोटी चमक (flickering) छोड़ते हैं.

स्टडी की सह-लेखिका एमिली मेसन, जो सैन डिएगो में Predictive Science Inc. में शोधकर्ता हैं, ने कहा, 'ये नतीजे सोलर फ्लेयर को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और खतरनाक स्पेस वेदर की भविष्यवाणी करने की हमारी क्षमता को बेहतर बना सकते हैं.'

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रिसर्चर्स ने बताया कि यह फ्लिकरिंग सोलर फ्लेयर के आने का संकेत 2 से 6 घंटे पहले दे सकती है, जिसकी सटीकता 60 से 80 प्रतिशत तक है. यह वर्तमान में इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों से काफी बेहतर है. इसके अलावा, फ्लिकरिंग की तीव्रता आने वाले सोलर फ्लेयर की शक्ति से भी जुड़ी हुई है.

स्पेस वेदर की भविष्यवाणी क्यों अहम?

इस वक्त, सूर्य अपने 11 साल के सोलर मैक्सिमम (solar maximum) चक्र के चरम पर है. इस वजह से सोलर फ्लेयर और कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) की संख्या में इजाफा हुई है. हालांकि, वैज्ञानिकों को अक्सर इनकी भविष्यवाणी करने में गलतियां हो जाती हैं.पिछले कुछ महीनों में कुछ सैटेलाइट सोलर तूफानों के कारण पृथ्वी के वायुमंडल में होने वाले अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव से नष्ट हो गए.

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पृथ्वी की सतह पर भी सोलर तूफानों का असर पड़ता है. मई 2024 के जियोमैग्नेटिक तूफान के दौरान अमेरिका में ट्रैक्टरों में उपयोग होने वाले GPS सिस्टम में खराबी आ गई थी. इसके अलावा, ये तूफान रेलवे लाइन्स और पावर ग्रिड्स जैसे जमीनी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. नई खोज के बाद, वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि सोलर फ्लेयर की भविष्यवाणी करने की क्षमता में सुधार होगा.

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