AI को चुनौती देने की तैयारी में भारत, ChatGPT और DeepSeek R1 को टक्कर देने के लिए सरकार का बड़ा ऐलान
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AI को चुनौती देने की तैयारी में भारत, ChatGPT और DeepSeek R1 को टक्कर देने के लिए सरकार का बड़ा ऐलान

Ashwini Vaishnaw: भारत देश AI को चुनौती देने की तैयारी में है. आने वाले दिनों में भारत फंडामेंटल AI Large Lanuage मॅाडल (short for LLM) तैयार करेगा जो चैट जीपीटी जैसे चैटबॅाट को चलाने के लिए एक करेंसी की तरह है. 

AI को चुनौती देने की तैयारी में भारत, ChatGPT और DeepSeek R1 को टक्कर देने के लिए सरकार का बड़ा ऐलान

Ashwini Vaishnaw: AI ने काफी हद तक लोगों का काम आसान कर दिया है. इसके प्रयोग से लिखने- पढ़ने सहित कई चीजों में तेजी देखी गई है. भारत  AI, ChatGPT और DeepSeek R1 को टक्कर देने की तैयारी में है. इसे लेकर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि भारत खुद अपना AI सिस्टम बनाने जा रहे है जो भारत के संस्कृति, भाषाओं और जरूरतों को समझता हो. 

आईटी मंत्री ने दिखाई हरी झंडी 
अभी तक भारत देश AI, ChatGPT और DeepSeek R1 जैसी तकनीकी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता था. हालांकि देश अब अपना सिस्टम बनाने की तैयारी में है. जो बिना किसी तरह के पक्षपात से मुक्त हो और देश की विविधता सही तौर पर दिखा सके.  ऐसे में भारत सरकार 10,370 करोड़ रुपये के इंडियाएआई मिशन के हिस्से के रूप में अपना खुद का एक घरेलू बड़ा मॉडल बनाने का फैसला किया है. आने वाले दिनों में भारत फंडामेंटल AI Large Lanuage मॅाडल (short for LLM) तैयार करेगा जो चैट जीपीटी जैसे चैटबॅाट को चलाने के लिए एक करेंसी की तरह है. 

उन्होंने कहा कि कॅामन कंप्यूटिंग सुविधा के तहत 18,793 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) को तैनात करने की घोषणा की है. इसके लिए सरकार ने 10 कंपनियों का भी चयन किया है.  इन कंपनियों में हीरानंदानी समूह समर्थित योटा, जियो प्लेटफॉर्म, टाटा कम्युनिकेशंस, ई2ई नेटवर्क, सीएमएस कंप्यूटर, सीटीआरएलएस डेटासेंटर, लोकुज एंटरप्राइज सॉल्यूशंस, नेक्स्टजेन डेटासेंटर, ओरिएंट टेक्नोलॉजीज और वेन्सिस्को टेक्नोलॉजी शामिल हैं. 

साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 1.5 वर्षों में हमारी टीमें स्टार्टअप, शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों आदि के साथ मिलकर काम कर रही हैं. आज हम अपना खुद का आधारभूत मॉडल विकसित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार आधारभूत मॉडल बनाने के लिए कम से कम छह डेवलपर्स के संपर्क में है, जिसमें 4-8 महीने लग सकते हैं. साथ ही कहा अगले कुछ महीनों में हमारे पास विश्व स्तरीय आधारभूत मॉडल होगा. 

सरकार अगले कुछ दिनों में एक कॉमन कंप्यूट सुविधा शुरू करेगी, जहां से स्टार्टअप और शोधकर्ता कंप्यूटिंग पावर का उपयोग कर सकेंगे. कंप्यूट पावर खरीदने में मदद के बारे में वैष्णव ने कहा कि जिन 18,693 GPU को पैनल में शामिल करने की मंजूरी दी गई है, उनमें से लगभग 10,000 GPU आज स्थापित किए जाने के लिए तैयार हैं. इन सेवाओं को और आसान बनाने के लिए, सरकार अंतिम उपयोगकर्ताओं को कुल कीमत पर 40 प्रतिशत सब्सिडी देगी. 

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